भारत की डाटा स्थानीयकरण नीति अमेरिका को नहीं आई रास, प्रावधानों को भेदभावपूर्ण बताया

अमेरिका ने भारत के डाटा स्थानीयकरण नियमों और ई-कॉमर्स नीति के मसौदे की आलोचना करते हुए कहा है कि उसके कुछ प्रस्ताव भेदभावपूर्ण और व्यापार को अव्यवस्थित करने वाले हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Tue, 09 Apr 2019 07:54 PM (IST) Updated:Tue, 09 Apr 2019 07:54 PM (IST)
भारत की डाटा स्थानीयकरण नीति अमेरिका को नहीं आई रास, प्रावधानों को भेदभावपूर्ण बताया
भारत की डाटा स्थानीयकरण नीति अमेरिका को नहीं आई रास, प्रावधानों को भेदभावपूर्ण बताया

नई दिल्ली, प्रेट्र। अमेरिका ने भारत के डाटा स्थानीयकरण नियमों और ई-कॉमर्स नीति के मसौदे की आलोचना की है। अमेरिका ने कहा कि उसके कुछ प्रस्ताव भेदभावपूर्ण और व्यापार को अव्यवस्थित करने वाले हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार की बाधाओं पर अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि की 2019 की राष्ट्रीय व्यापार अनुमान रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने हाल में डाटा स्थानीयकरण को लेकर कई नियमों की घोषणा की है। ये नियम अमेरिका और भारत के बीच डिजिटल व्यापार की राह में बड़ी बाधा बनेंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये नियम डाटा आधारित सेवाओं की आपूर्ति करने वालों के लिए लागत बढ़ाते हैं क्योंकि इनकी वजह से उन्हें गैर जरूरी और बेकार डाटा केंद्र बनाने पड़ते हैं। इसकी वजह से स्थानीय कंपनियां सर्वोत्तम उपलब्ध अंतरराष्ट्रीय सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाती हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति के मसौदे के कुछ प्रस्तावों की प्रकृति भेदभावपूर्ण है। इनमें डाटा स्थानीयकरण प्रावधान और सीमा के आर-पार डाटा प्रवाह पर पाबंदी जैसे प्रस्ताव भी शामिल हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी पेमेंट इन्फोर्मेशंस को भारत में संग्रह करने के प्रावधान से पेमेंट सेवा देने वाली कंपनियों का खर्च बढ़ जाएगा। विदेशी कंपनियों को इसका नुकसान झेलना पड़ेगा, जो आमतौर पर दुनियाभर में फैले डाटा स्टोरेज और सूचना सुरक्षा प्रणालियों पर निर्भर होती हैं।

गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने आदेश दिया है कि पेमेंट सेवा देने वाली सभी कंपनियां यह सुनिश्चित करेंगी कि उनके पेमेंट सिसटम से जुड़े संपूर्ण डाटा भारत में मौजूद कंप्यूटर में ही रखे जाएं। इससे पेमेंट सेवा देने वाली कंपनियों की बेहतर निगरानी हो सकेगी। इसके अलावा सरकार ने ई-कॉमर्स नीति का एक मसौदा भी जारी किया है। सरकार के मुताबिक इस नीति से भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से हो रहे डिजिटीकरण का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। 

chat bot
आपका साथी