अमेरिकी नागरिकों की हत्या करने के जिम्मेवार हैं IS के ब्रिटिश आतंकी: US

दो सालों से अधिक समय से सीरिया में अमेरिकियों को बंधक बनाने व उन्हें प्रताड़ित करने के मामले में आरोपी इस्लामिक स्टेट के दो ब्रिटिश आतंकियों को सीरिया से अमेरिका लाया गया है यहां उन्हें इस अपराध के लिए सजा दी जाएगी।

By Monika MinalEdited By: Publish:Thu, 08 Oct 2020 09:46 AM (IST) Updated:Thu, 08 Oct 2020 09:46 AM (IST)
अमेरिकी नागरिकों की हत्या करने के जिम्मेवार हैं IS के ब्रिटिश आतंकी: US
अमेरिकी बंधकों की मौत के लिए IS के ब्रिटिश आतंकी जिम्मेवार

वाशिंगटन, एपी। सीरिया में चार अमेरिकियों व अन्य लोगों को बंधक बनाने व उनके खिलाफ हिंसक कार्रवाई के आरोप में सीरिया से इस्लामिक स्टेट (IS)  के दो ब्रिटिश आतंकियों को अमेरिका लाया गया। वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया स्थित फेडरल कोर्ट में बुधवार को इन  ब्रिटिश नागरिकों को पहली बार पेश किया गया। अमेरिका की सरकार ने इस समूह को अपहरण और दो दर्जन से अधिक लोगों को बंधक बनाने, प्रताड़ित करने और उनकी हत्या का दोषी करार दिया है। इन ब्रिटिश आतंकियों ने सीरिया के रक्का में अमेरिकियों को बंधक बना रखा था और उन्हें क्रूर तरीके से मारते थे।

32 वर्षीय  एल शफी एलशेख (El Shafee Elsheikh) और 36 वर्षीय अलेक्जेंडा कोटे (Alexanda Kotey) को लहजे के कारण उनके बंधकों ने 'द बीटल्स' का उपनाम दिया था। अमेरिका की सरकार ने इन्हें दो दर्जन से अधिक लोगों को अपहरण कर बंधक बनाने और फिर हत्या करने वाले समूह से लिंक होने के संकेत दिए हैं। इसके अलावा इन आतंकियों ने पत्रकार जेम्स फोले (James Foley ) और स्टीवन सॉटलॉफ (Steven Sotloff)  का सिर काट वीडियो बनाकर खौफ फैलाने का भी काम किया है।  अदालत की ज्यूरी ने इन ब्रिटिश आतंकियों पर आठ आरोपों के तहत मुकदमा शुरू किया। दोनों आतंकियों ने अलेक्जेंड्रिया जेल से वीडियो के जरिए बुधवार को कोर्ट में पेशी दी। अब अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। 

द बीटल्स उपनाम वाले इन  आतंकियों ने वर्ष  2014 और 2015 में अमेरिकी, ब्रिटिश और जापानी पत्रकारों, सहायताकर्मियों और कुछ सीरियाई सैनिकों का सिर काट दिया था और इस बर्बरता को कैमरे में  वीडियो बना कैद कर लिया था जिसे इस्लामिक स्टेट ने प्रोपेगैंडा के तौर पर दुनिया भर में फैलाने का काम किया था। अक्टूबर 2019 से ही दोनों को अमेरिकी सेना ने हिरासत में ले लिया था। ये दोनों सीरिया में एक साल तक बंदी बनाकर रखे गए। ये दोनों वहां से तुर्की जाने की फिराक में थे तभी अमेरिका समर्थित सीरियाई लोकतांत्रिक बलों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। 

chat bot
आपका साथी