जांच में लापरवाही के चलते अमेरिका में बिगड़े हालात, एक ही दिन में दस हजार से ज्यादा नए केस

न्यूज एजेंसी एपी की समीक्षा में पाया गया कि अमेरिका में कोरोना वायरस से हालात बिगड़ने के पीछे शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी के स्तर पर हुई भारी लापरवाही जिम्‍मेदार रही है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Tue, 24 Mar 2020 04:38 PM (IST) Updated:Tue, 24 Mar 2020 05:01 PM (IST)
जांच में लापरवाही के चलते अमेरिका में बिगड़े हालात, एक ही दिन में दस हजार से ज्यादा नए केस
जांच में लापरवाही के चलते अमेरिका में बिगड़े हालात, एक ही दिन में दस हजार से ज्यादा नए केस

वाशिंगटन, एपी। अमेरिका में कोरोना वायरस से हालात बिगड़ने के पीछे देश की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी के स्तर पर हुई भारी लापरवाही को प्रमुख कारण बताया जा रहा है। न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की समीक्षा में पाया गया कि जंगल में लगी आग की तरह महामारी को पूरे अमेरिका में फैलने दिया गया। अमेरिका में अब तक करीब 44 हजार लोग संक्रमित पाए गए हैं और 560 की मौत हो चुकी है। एक दिन में ही दस हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जरूरी चिकित्सा आपूर्ति और सुरक्षात्मक उपकरणों की जमाखोरी की रोकथाम के लिए एक आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं।

सरकारी लैब में महज 352 की जांच

ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी नागरिकों को भरोसा दिया था कि सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की ओर से विकसित की गई जांच उत्तम है। कोई भी जांच करा सकता है। लेकिन करीब दो माह पूर्व पहला मामला सामने आने के बाद भी अमेरिका में अब तक कई लोगों की जांच तक नहीं हो पाई है। अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सीडीसी के डाटा से जाहिर होता है कि गत फरवरी में कोरोना वायरस जब इस देश में अपनी जड़ें जमा रहा था तो उस दौर में सरकारी लैब में महज 352 लोगों की जांच की गई।

आंखों पर पट्टी बांध मुकाबला नहीं कर सकते

अमेरिका में पिछले माह औसतन रोजाना एक दर्जन जांच की गईं। अब स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग अपनी गलतियों का मूल्याकंन करने के लिए आंतरिक समीक्षा में जुट गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेबरेसस ने कहा, 'आप आंखों पर पट्टी बांधकर मुकाबला नहीं कर सकते। हम अगर यह नहीं जानते कि कौन संक्रमित है तो इस महामारी को रोक नहीं सकते।'

ट्रंप बोले, मलेरिया रोधी दवाएं हो सकती हैं 'गॉड गिफ्ट'

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि कोरोना वायरस के उपचार को लेकर मलेरिया रोधी दवाओं को परखा जा रहा है। ये दवाएं 'गॉड गिफ्ट' हो सकती हैं। वैज्ञानिकों ने हालांकि इस तरह के दावों को लेकर आगाह किया है क्योंकि अभी यह साबित नहीं हुआ है। ट्रंप ने पिछले हफ्ते यह एलान किया था कि उनका प्रशासन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और क्लोरोक्वीन पर काम कर रहा है। फ्रांस और चीन में हुए कुछ अध्ययनों में कोरोना वायरस के उपचार में मलेरिया रोधी इन दवाओं में संभावना दिखी थी। जबकि एंटोनी फुची जैसे संक्रामक रोगों के अमेरिकी विशेषज्ञों ने लोगों से कहा कि जब तक इन दवाओं का व्यापक परीक्षण नहीं होता तब तक सचेत रहें। 

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