अमेरिका में सिख छात्र का उत्‍पीड़न, धर्म के कारण दी गई धमकी, छोड़ना पड़ा स्‍कूल, शिक्षा बोर्ड पर केस

अमेरिका के न्यूजर्सी प्रांत में एक सिख छात्र को उसके धर्म के कारण डराया-धमकाया गया जिसके चलते उसे स्कूल छोड़ना पड़ा है। अब शिक्षा बोर्ड पर केस हुआ है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 23 May 2020 05:01 PM (IST) Updated:Sat, 23 May 2020 05:27 PM (IST)
अमेरिका में सिख छात्र का उत्‍पीड़न, धर्म के कारण दी गई धमकी, छोड़ना पड़ा स्‍कूल, शिक्षा बोर्ड पर केस
अमेरिका में सिख छात्र का उत्‍पीड़न, धर्म के कारण दी गई धमकी, छोड़ना पड़ा स्‍कूल, शिक्षा बोर्ड पर केस

न्यूयॉर्क, पीटीआइ। अमेरिका के न्यूजर्सी प्रांत में एक सिख छात्र को सताए जाने का मामला सामने आया है। इसे लेकर एक शिक्षा बोर्ड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें यह आरोप लगाया गया कि उसके धर्म के कारण डराया-धमकाया गया और लंबे समय तक उत्पीड़न के चलते उसे स्कूल छोड़ना पड़ा। समुदाय के संगठन सिख कोअलिशन ने कहा कि उसने विधि दफ्तर के सह-वकील ब्रायन एम किगे के साथ मिलकर न्यूजर्सी के सीवेल स्थित ग्लूसेस्टर काउंटी स्पेशल सर्विसेज स्कूल डिस्टि्रक्ट बोर्ड ऑफ एजुकेशन के खिलाफ मुकदमा किया है।

यह मामला ग्लूसेस्टर काउंटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में पढ़ने वाले एक सिख छात्र से जुड़ा है। नाबालिग होने के कारण उसका नाम उजागर नहीं किया गया है। यह आरोप है कि वर्ष 2018 से छात्र को डराया-धमकाया जा रहा था। छात्र की मां ने कहा, 'मेरे बेटे को जिस कष्ट का सामना करना पड़ा, वैसा किसी बच्चे के साथ नहीं होना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि अदालत इसे डराने-धमकाने का मामला मानेगी और निर्णायक कार्रवाई करेगी। इससे मेरे बच्चे को न्याय मिलने के साथ ही जिले में सभी छात्रों के लिए पढ़ाई का सुरक्षित माहौल भी बनेगा।'

इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने महामारी के संदर्भ में लोगों से एकजुटता और एकता का आह्वान किया है। उन्‍होंने कहा है कि हमारी दुनिया एक शरीर की तरह है। जब तक इस वायरस से एक हिस्सा प्रभावित होता है, हम सभी प्रभावित होते हैं। मौजूदा वक्‍त में अब पहले से कहीं अधिक एकजुटता और एकता की जरूरत है। गुतेरस ने जातीय राष्ट्रवाद, किसी समुदाय को लक्षित करने वाले भाषणों के खिलाफ एकजुटता का आह्वान किया। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 51 लाख से ऊपर पहुंच चुकी है। वहीं मरने वालों का आंकड़ा तीन लाख को पार कर गया है।  

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