Finland to join NATO : तेज प्रक्रिया से नाटो में शामिल होंगे फिनलैंड और स्वीडन, तुर्की के विरोध को ठंडा करने में जुटा अमेरिका

फिनलैंड ने रविवार को एलान किया कि वह नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन करेगा। राष्ट्रपति सौली निनिस्टो (Sauli Niinisto) और प्रधानमंत्री सना मारिन (Sanna Marin) ने राष्ट्रपति भवन में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उक्‍त घोषणा की।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 15 May 2022 04:27 PM (IST) Updated:Mon, 16 May 2022 09:10 AM (IST)
Finland to join NATO : तेज प्रक्रिया से नाटो में शामिल होंगे फिनलैंड और स्वीडन, तुर्की के विरोध को ठंडा करने में जुटा अमेरिका
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति सौली निनिस्टो (AFP)

बर्लिन [द न्यूयार्क टाइम्स]। नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) ने स्पष्ट कर दिया है कि सैन्य संगठन में शामिल होने के लिए यदि फिनलैंड और स्वीडन आवेदन करते हैं तो उन्हें संक्षिप्त और तेज प्रक्रिया के तहत सदस्यता दी जाएगी। इस आशय की जानकारी रविवार को नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने संगठन के 30 सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बर्लिन में हुई बैठक में दी। रविवार को ही हेलसिंकी में फिनलैंड के राष्ट्रपति साउली निनिस्तो ने साफ कर दिया कि उनका देश बहुत जल्द नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन करेगा। स्वीडन की सरकार के संकेत के बाद वहां के सत्तारूढ़ दल ने नाटो में शामिल होने की पैरवी की है।

कई देशों ने बताई थी जरूरत

जर्मनी सहित कई सदस्य देशों ने फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल किए जाने की प्रक्रिया तेज करने की आवश्यकता जताई थी। जर्मनी की विदेश मंत्री एनलेना बेयरबोक ने प्रक्रिया को तेज करने के लिए हर संभव प्रयास करने का भरोसा दिया। विदेश मंत्रियों की बैठक में नाटो के उप प्रमुख मिर्सिया गोआना ने उम्मीद जताई है कि दोनों देशों की सदस्यता संबंधी औपचारिकताएं जल्द और निर्विरोध संपन्न होंगी।

राष्‍ट्रपति ने किया एलान

रविवार को सरकार की विदेश नीति संबंधी समिति के साथ बैठक करने के बाद निनिस्तो ने नाटो में शामिल होने के लिए जल्द आवेदन करने की घोषणा की है। इससे पहले शनिवार को निनिस्तो ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर नाटो की सदस्यता से संबंधित चर्चा की थी। पुतिन ने फिनलैंड के नाटो में शामिल होने से द्विपक्षीय संबंधों में नुकसान होने की बात कही है। विदित हो कि फिनलैंड और रूस करीब 1,300 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं।

तुर्की के विरोध को ठंडा करने में जुटा अमेरिका

फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल किए जाने के विरोधी तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन से निनिस्तो ने फोन पर बात की है। साथ ही एर्दोगन से मुलाकात करने की इच्छा जताई है। उल्लेखनीय है कि नाटो में शामिल होने के लिए उसके सभी सदस्य देशों की सहमति जरूरी है। जबकि कुर्द आतंकियों को समर्थन के मसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए एर्दोगन फिनलैंड और स्वीडन के आवेदनों को वीटो करने का बयान दे चुके हैं।

खटाई में पड़ सकती है योजना

समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की के विरोध से फिनलैंड और स्वीडन की नाटो में शामिल होने की योजना खटाई में पड़ सकती है। लेकिन रविवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की अपने तुर्की के समकक्ष से वार्ता हुई है। ब्लिंकन ने विश्वास जताया है कि फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में प्रवेश में तुर्की बाधा नहीं बनेगा।

रूस कर चुका है आगाह

सनद रहे नाटो में शामिल होने को लेकर रूस फ‍िनलैंड को पहले ही आगाह कर चुका है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फिनलैंड के समकक्ष निनिस्तो से नाटो में नहीं जाने को कहा है। उनका कहना है कि फिनलैंड का नाटो में शामिल होने का फैसला गलत है। फ‍िनलैंड के इस कदम से रूस के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों में नुकसान होगा।

नाटो के उप प्रमुख ने कही यह बात

समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक नाटो को भरोसा है कि वह तुर्की की आपत्तियों को दूर करके फिनलैंड और स्वीडन को जल्‍द स्वीकार कर सकता है। नाटो के उप-प्रमुख ने रविवार को कहा कि गठबंधन नार्डिक क्षेत्र में ऐतिहासिक विस्तार की तैयारी कर रहा है। मालूम हो कि नाटो के 30 सदस्य देशों के विदेश मंत्री इस हफ्ते के अंत में बर्लिन में दो दिवसीय वार्ता कर रहे हैं।

कब तक चलेगा युद्ध जेलेंस्‍की ने दिया जवाब

इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि युद्ध कितने समय तक चलेगा यह काफी हद तक यूक्रेन के सहयोगी, यूरोपीय देशों पर निर्भर करेगा। मित्र राष्‍ट्र जब तक यूक्रेन का साथ देंगे तब तक यूक्रेन लड़ेगा। उन्‍होंने यह भी दावा किया कि रूस को यूक्रेन युद्ध में भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

वर्ष के अंत तक चल सकता है युद्ध

यूक्रेन के खुफिया प्रमुख मेजर जनरल किरिलो बुदानोव ने दावा किया है कि रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का तख्ता पलटने के लिए प्रयास जारी हैं। इसके कारण ही वर्ष के अंत तक रूस और यूक्रेन में बीच युद्ध जारी रह सकता है।

रूस पर दबाव बनाए रखेगा जी-7

दुनिया के संपन्न देशों के संगठन जी 7 के विदेश मंत्रियों ने कहा है कि रूस पर प्रतिबंधों का दबाव बना रहेगा और हम मिलकर दुनिया में पैदा होने वाले खाद्यान्न संकट से निपटेंगे। विदित हो कि रूस दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है और उस पर लगे प्रतिबंधों से कई देशों को रूसी गेहूं से वंचित रहना प़़ड सकता है। जर्मनी के वीसेनहौस शहर में हुई विदेश मंत्रियों की बैठक में यूक्रेन को आवश्यकता के अनुसार हथियारों की आपूर्ति बरकरार रखने का संकल्प लिया गया। साथ ही रूसी तेल और गैस पर निर्भरता को भी कम के लिए प्रयास तेज करने पर बल दिया गया।

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