पोप फ्रांसिस का बड़ा बयान, कहा- बाजारवाद विफल, दुनिया को अब नई राजनीतिक व्यवस्था की जरूरत

पोप फ्रांसिस ने कहा है कि कोरोना महामारी ने साबित कर दिया है कि बाजारवाद विफल रहा है। दुनिया को अब नई तरह की राजनीति की जरूरत है। पोप ने कैथोलिक चर्च की उस मान्यता को भी नकार दिया है जिसमें सुरक्षा के लिए युद्ध को सही बताया गया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 05 Oct 2020 06:05 AM (IST) Updated:Mon, 05 Oct 2020 06:05 AM (IST)
पोप फ्रांसिस का बड़ा बयान, कहा- बाजारवाद विफल, दुनिया को अब नई राजनीतिक व्यवस्था की जरूरत
पोप फ्रांसिस ने कहा है कि कोरोना महामारी ने साबित कर दिया है कि बाजारवाद विफल रहा है।

रोम, एपी। पोप फ्रांसिस ने रविवार को कहा कि कोरोना महामारी ने साबित कर दिया है कि बाजारवाद विफल रहा है। दुनिया को अब नई तरह की राजनीति की जरूरत है, जिसमें परस्पर बातचीत और एकजुटता को बढ़ावा मिले। हर हाल में घृणा और युद्ध का तिरस्कार हो। रविवार को धर्मगुरु का ताजा सामाजिक संदेश जारी हुआ। इसमें उन्होंने सबको ब्रदर्स ऑल कहकर संबोधित किया है और कोविड के बाद की दुनिया पर अपनी बात रखी।

संदेश में सेंट फ्रांसिस के उपदेशों को आधार बनाकर बातें कही गई हैं। संदेश में वैश्विक अर्थव्यवस्था के अन्याय का जिक्र करते हुए पृथ्वी की बर्बादी को रेखांकित किया गया है। मौजूदा समस्याओं का उल्लेख करते हुए सुधार के लिए मानवीय एकजुटता का आह्वान किया गया है। संदेश में पोप फ्रांसिस ने कैथोलिक चर्च की उस मान्यता को भी नकार दिया है जिसमें जायज सुरक्षा के लिए युद्ध को सही बताया गया है।

पोप फ्रांसिस ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था को बदले जाने की जरूरत है। कोविड महामारी ने इस आवश्यकता को और गंभीरता से प्रस्तुत किया है। पोप ने कहा कि युद्ध की मान्यता को सदियों तक बड़े पैमाने पर लागू किया गया लेकिन इसे सही साबित नहीं किया जा सका। पोप ने लिखा है कि महामारी से उपजे हालात ने मेरे विचारों को सही साबित किया है।

बीते दिनों पोप फ्रांसिस ने विश्व के नेताओं से वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार की अपील की थी ताकि कोरोना संकट को एक अवसर में तब्‍दील किया जा सके। वैश्विक महामारी कोविड-19 को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए भाषण में पोप ने कहा था कि गरीबों और पर्यावरण की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र को बेहतर भूमिका निभानी होगी। पोप ने कहा था कि महामारी से यह साफ हो गया है कि हम सब एक-दूसरे के बगैर नहीं रह सकेंगे।

इससे पहले पोप ने विश्‍व शक्तियों से अपील की थी कि कोरोना से बचाव की वैक्सीन की उपलब्धता में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाए। पोप ने कहा था कि कोविड-19 महामारी एक त्रासदी है। इससे तभी छुटकारा पाया जा सकता है जब बिना भेदभाव के प्रयास किए जाएंगे। महामारी फैलने के बाद पोप ने कहा था कि हम तब तक सामान्य स्थितियों में नहीं आ सकते जब तक सही मायनों में सामाजिक न्याय सुनिश्चित नहीं हो जाए। 

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