अमेरिकी का आरोप - चीन अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए धन की ताकत का कर रहा इस्‍तेताल

अमेरिकी सेनाओं के सर्वोच्च जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने अमेरिकी संसद की रक्षा मामलों की समिति को यह जानकारी दी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 16 Mar 2019 12:48 AM (IST) Updated:Sat, 16 Mar 2019 01:23 AM (IST)
अमेरिकी का आरोप - चीन अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए धन की ताकत का कर रहा इस्‍तेताल
अमेरिकी का आरोप - चीन अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए धन की ताकत का कर रहा इस्‍तेताल

वॉशिंगटन, एजेंसीतंगहाली से जूझ रहे पाकिस्तान पर चीन का दस अरब डॉलर (70 हजार करोड़ भारतीय रुपये) का कर्ज है। यह कर्ज पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के विकास और कुछ अन्य परियोजनाओं के लिए दिया गया है। यह जानकारी अमेरिकी सेना के एक उच्च पदस्थ जनरल ने दी है।

जनरल के अनुसार दुनिया में चीन अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए धन की ताकत का इस्तेमाल कर रहा है। अरब सागर के किनारे स्थित ग्वादर बंदरगाह पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में है। चीन की महात्वाकांक्षी वन बेल्ट-वन रोड (ओबीओआर) परियोजना के तहत इस बंदरगाह का विकास किया जा रहा है। इसके विकास से चीन की मध्य एशिया से दूरी बहुत कम हो जाएगी। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस बंदरगाह का नियंत्रण चीन के हाथ में रहेगा।

अमेरिकी सेनाओं के सर्वोच्च जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने अमेरिकी संसद की रक्षा मामलों की समिति को बताया कि चीन आर्थिक ताकत के बल पर पहले श्रीलंका को फंसा चुका है। इसके बाद उसने वहां हंबनटोंटा बंदरगाह को 99 के लिए पट्टे पर ले लिया। इस बंदरगाह पर चीन का 70 प्रतिशत नियंत्रण भी है।

इसी प्रकार से मालदीव डेढ़ अरब डॉलर के चीनी कर्ज के जाल में है। अफ्रीकी देश जिबूती का चीनी कर्ज को लेकर और बुरा हाल है। अर्जेंटीना चीन से कर्ज लेकर फंस चुका है और अब सैन्य संसाधनों में वह साझेदारी कर रहा है।

जनरल ने बताया कि ओबीओआर के जरिये चीन देशों को अपने कर्ज के जाल में फंसा रहा है। कर्ज देने में वह अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और अर्थशास्त्र के सिद्धांतों का पूरी तरह से उल्लंघन करता है। वह निवेश के नाम पर देशों को कर्ज दे रहा है और उनके संसाधनों पर कब्जा कर रहा है।

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