ध्वनि प्रदूषण से निजात दिलाएगी नई डिवाइस, 94 फीसद तक कम कर देगी आवाज

यह छल्ला मैथमेटिक तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है। इस तकनीक के माध्यम से हवा के प्रवाह को जारी रखकर वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Mon, 11 Mar 2019 11:17 AM (IST) Updated:Mon, 11 Mar 2019 11:17 AM (IST)
ध्वनि प्रदूषण से निजात दिलाएगी नई डिवाइस, 94 फीसद तक कम कर देगी आवाज
ध्वनि प्रदूषण से निजात दिलाएगी नई डिवाइस, 94 फीसद तक कम कर देगी आवाज

बोस्टन, प्रेट्र। दिन प्रतिदिन बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए वैज्ञानिकों ने एक क्रांतिकारी खोज की है। इस खोज की मदद से ध्वनि प्रदूषण पर लगभग नियंत्रण पाया जा सकेगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि एक खुले छल्ले जैसी डिवाइस से ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है। बताया कि यह छल्ला मैथमेटिक तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है। इस तकनीक के माध्यम से हवा के प्रवाह को जारी रखकर वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है।

अमेरिका की बोस्टन युनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने बताया कि यद्यपि वर्तमान में ध्वनि प्रदूषण कम करने वाले बैरीकेट्स हैं जिन्हें हम साउंड बफेल कहते हैं, लेकिन इनकी एक कमी है कि यह वायु के प्रवाह को रोक देते हैं। चूंकी ध्वनि हमें वायु के माध्यम से ही सुनाई पड़ती है इसलिये वायु का प्रवाह रुकने से ध्वनि भी थम जाती है। यह ऐसा ही है जैसे कान में कोई ऑब्जेक्ट लगा लेने से वायु अंदर नहीं आती जिसकी वजह से आवाज भी नहीं आती।

फिजिकल रिव्यू बी में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार वैज्ञानिकों ने मैथमेटिक का उपयोग करके एकॉस्टिक मेटामैटेरियल ( ध्वनिक मेटामेट्री) का एक डिजाइन तैयार किया। एकॉस्टिक मेटामैटेरियल एक ऐसी सामाग्री है जिसके माध्यम से ध्वनि तरंगों को नियंत्रित और निर्देशित किया जा सकता है साथ ही तरंगो में हेरफेर भी की जा सकती है। शोधकर्ताओं ने उन आयामों और विशिष्टताओं की गणना की जिसके माध्यम से मेटामैटेरियल को ध्वनि तरंगो में बेहतर तरीके से हस्ताक्षेप करने में मदद मिले, जिससे कि खुले वातावरण में केवल ध्वनि को फैलने से रोका जा सके, जबकि हवा का संचार वैसे ही चलता रहे। शोधकर्ताओं ने बताया कि मूल आधार यह था कि मेटामैटेरियल को इस तरह से डिजाइन किया जाए जिससे कि ध्वनि तरंगों को उसी जगह वापस भेजा जा सके जहां से वह उत्पन्न हो रही हैं।

94 फीसद तक कम कर देती है आवाज

वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने इस डिवाइस का खुले और बंद वातावरण दोनों में प्रयोग किया। इसके बाद इस आकलन पर पहुंचे कि इस डिवाइस के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण को 94 फीसद तक कम किया जा सकता है। बताया कि अमेजन जैसी कंपनियां ड्रोन के माध्यम से होम डिलीवरी करने की योजना बना रही हैं। वहीं, लोगों की शिकायत है कि ड्रोन से बहुत अधिक ध्वनि प्रदूषण होगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि उनकी इस खोज से ड्रोन व अन्य वाहनों की आवाज कम करने में मदद मिलेगी।

इन तरह बनाई डिवाइस

अपने परीक्षण में वैज्ञानिकों एक ऐसा स्ट्रक्चर बनाया जो लाउडस्पीकर से निकलने वाली ध्वनि को रोक सके। अपनी गणना के आधार पर उन्होंने उन भौतिक आयामों का माडल तैयार किया। फिर उस माडल को उन्होंने थ्री-डी प्रिंटिंग से प्लास्टिक के जरिए साकार रूप दिया। शोधकर्ताओं ने लाउडस्पीकर के मुख्य सिरे पर उस डिवाइस को लगा दिया। इसके बाद जैसे ही लाउडस्पीकर को तेज वाल्यूम में चलाया गया तो बहुत ही धीमी केवल एक इंसान के सुनने लायक आवाज ही सुनाई पड़ी। हालांकि, लाउडस्पीकर को फुल वाल्यूम पर चलाया गया था। वैज्ञानिकों ने बताया कि मेटामैटेरियल की डिवाइस उन ध्वनि तरंगो को बाहर निकलने से रोक रही थी। डिवाइस उन तरंगों को वापस उसी दिशा में भेज रही थी जहां से वह निकल रहीं थीं। इसके बाद शोधकर्ताओं ने जैसे ही डिवाइस को हटाया तो स्पीकर से अचानक ही कानफोड़ू आवाज निकलने लगी।

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