भूकंप और सूनामी जैसे बड़े खतरे से आगाह करेगी नई डिवाइस, समुद्र तल की छोटी से छोटी हरकत करेगी रिकार्ड

शोधकर्ताओं ने पाया कि यह सिस्टम पृथ्वी की ऊपरी परत के तनाव और उसमें होने वाले छोटे-मोटे बदलाव का पता लगाने में सक्षम है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Mon, 25 Nov 2019 06:55 PM (IST) Updated:Mon, 25 Nov 2019 06:58 PM (IST)
भूकंप और सूनामी जैसे बड़े खतरे से आगाह करेगी नई डिवाइस, समुद्र तल की छोटी से छोटी हरकत करेगी रिकार्ड
भूकंप और सूनामी जैसे बड़े खतरे से आगाह करेगी नई डिवाइस, समुद्र तल की छोटी से छोटी हरकत करेगी रिकार्ड

वाशिंगटन, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने एक उच्च तकनीक वाले ऐसे उपकरण को विकसित किया है जो पृथ्वी के समुद्र तल में होने वाली छोटी से छोटी गतिविधि और परिवर्तन की पहचान कर सकता है। ये गतिविधियां अधिकतर भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, सुनामी आदि घातक प्राकृतिक आपदाओं का संकेत होती हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस डिवाइस का परीक्षण भी कर लिया गया है।

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा (USF) के शोधकर्ताओं के अनुसार पिछले साल मैक्सिको की खाड़ी में 'एगमांट की' पर एक उथले पानी का उत्प्लव (बॉय) स्थापित किया गया था। इसके माध्यम से समुद्र तल की तीन आयामी गति का डाटा प्राप्त किया गया था।

जीपीएस सिस्टम से है लैस

शोधकर्ताओं ने पाया कि यह सिस्टम पृथ्वी की ऊपरी परत के तनाव और उसमें होने वाले छोटे-मोटे बदलाव का पता लगाने में सक्षम है। उन्होंने बताया कि समुद्र तल की गणित पता करने वाला यह सिस्टम एक उत्प्लव ही है जो उच्च क्षमता वाले जीपीएस सिस्टम से लैस है। इस उत्प्लव के दिशा-निर्देश को एक डिजिटल कंपास के जरिये मापा जाता है, जिसके माध्यम से पृथ्वी के घूर्णन और उपरी परत में हो रही गतिविधि का पता चलता है।

हालांकि, शोधकर्ताओं ने बताया कि वर्तमान में समुद्रतल की निगरानी के लिए कई तकनीकें हैं, लेकिन समस्या यह है कि सभी तकनीकें आमतौर पर गहरे समुद्र में सबसे अच्छा काम करती हैं। जहां पर कम शोर होता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि उथले तटीय क्षेत्र जहां गहराई कुछ 100 मीटर से भी कम होती है, सबसे कठिन जगह होती है। साथ ही यह भी बताया कि यह कई तरह के विनाशकारी भूकंपों के लिए भी महत्वपूर्ण है। शोधकर्ताओं ने बताया कि उथले समुद्र से भूकंप और सुनामी के संकेत को ज्यादा अच्छे से समझा जा सकता है।

बहुत ही सटीक तरीके से किया जा सकता है पुर्वानुमान

बताया कि नये उत्प्लव को समुद्र तल से कंक्रीट और गिट्टी के माध्यम से जोड़ा गया है। यह समुद्र की सतह पर उतराता रहता है। साथ ही यह कई तूफानों का सामना करने में भी सक्षम है।

यूएसएफ स्कूल ऑफ जियोसाइंस के प्रोफेसर टिम डिक्सन ने कहा कि नया सिस्टम एक से दो सेंटीमीटर के दायरे में होने वाली छोटी सी हलचल का भी पता लगाने में सक्षम है।

उन्होंने बताया कि इस डिवाइस से ऐसे क्षेत्र जो सबडक्शन जोन के अंतरगत आते हैं वहां पर भूकंप और सुनामी का पूर्वानुमान बहुत ही सटीक तरीके से किया जा सकता है। सबडक्शन जोन वह होते हैं जहां पृथ्वी की टेक्टॉनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं।

क्या होते हैं उत्प्लव

उत्प्लव ऐसे यंत्र होते हैं जो समुद्र तल से बंधे रहते हैं और समुद्र पृष्ठ पर उतराते रहते हैं। इनका काम जहाजों को राह दिखाने, समुद्र में अवरोध की जगह बताने आदि में होता है। उत्प्लव को अंग्रेजी में 'बॉय' कहा जाता है। शोधकर्ताओं ने इसी उत्प्लव में नई तकनीक जोड़कर नई डिवाइस तैयार की है जो पृथ्वी की कृष्ट (ऊपरी परत की हलचल) को रिकॉर्ड करने के काम आती है।

chat bot
आपका साथी