यूरोप में कोरोना के नए मामले आ रहे सामने, फ्रांस ने लगाया कर्फ्यू, लोगों से घरों में रहने की अपील

जर्मनी फ्रांस और अन्य यूरोपीय देश एक बार फिर कोरोना वायरस के नए मामलों से जूझ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में जर्मनी में कोरोना के 6638 नए मामले दर्ज किए गए हैं। रोजाना इतने मामले महामारी के शुरू होने के बाद पहली बार दर्ज किए गए हैं।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Thu, 15 Oct 2020 03:01 PM (IST) Updated:Thu, 15 Oct 2020 03:01 PM (IST)
यूरोप में कोरोना के नए मामले आ रहे सामने, फ्रांस ने लगाया कर्फ्यू, लोगों से घरों में रहने की अपील
यूरोप के कुछ देशों में फिर से कोरोना वायरस का प्रसार हो रहा है। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, रॉयटर्स। कोरोना वायरस के प्रकोप से कुछ देशों को अभी तक पूरी तरह से छुटकारा नहीं मिल पाया है। एक बार मामले कम होने के बाद अब दुबारा से इनमें बढ़ोतरी हो रही है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखकर अब कुछ शहरों ने फिर से बचाव के लिए कदम उठाए हैं।

इनमें जर्मनी, फ्रांस और अन्य देशों के नाम शामिल हैं। ये यूरोपीय देश एक बार फिर कोरोना वायरस के नए मामलों से जूझ रहे हैं। पिछले 24 घंटों में जर्मनी में कोरोना के 6,638 नए मामले दर्ज किए गए हैं। रोजाना इतने मामले महामारी के शुरू होने के बाद पहली बार दर्ज किए गए हैं। जर्मनी में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होने के बाद अब देश में चिंता बढ़ गई है।

एक दिन में दर्ज किए जा रहे हजारों मामले

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने बुधवार को 16 राज्यों के साथ बैठक की और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबंधों को और सख्त करने का फैसला लिया था। रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट के मुताबिक इससे पहले 28 मार्च को एक दिन में सबसे अधिक 6,294 मामले दर्ज किए गए थे।

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जो कदम उठाए गए हैं उनमें चेहरे पर मास्क लगाना और कितने लोग आपस में मिल सकते हैं, को लेकर नियम शामिल किए गए हैं। कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लोगों के मिलने जुलने की संख्या पर राज्य सरकारों ने सख्त कदम उठाने को लेकर सहमति जताई है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उपायों के मुताबिक निजी समारोह में लोगों की संख्या सीमित करना, हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में बार और रेस्तरां के लिए कर्फ्यू लगाना शामिल है। 

रोक के लिए राज्यों के सीएम के साथ बैठक

जर्मन चांसलर अंगेला मर्केल और 16 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक के बाद इन नियमों पर सहमति व्यक्त की गई है। मैर्केल ने कहा कि मुझे यकीन है कि अब हम जो करेंगे वह इस महामारी के दौर से पार पाने में निर्णायक होगा। उन्होंने आगे कहा कि हम कोरोना के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी के चरण में हैं, रोजाना के आंकड़े यह बताते हैं। मैर्केल ने देश के युवाओं से अपील की कि वे अभी से पार्टियों से बचें ताकि वे बाद में जीवन का आनंद ले सकें। उन्होंने कहा कि हमें विशेष रूप से युवाओं को कुछ पार्टियों के बिना रहने का आग्रह करना चाहिए ताकि वे आने वाले दिनों में अच्छी जिंदगी जी सकें।

जर्मनी में कड़े किए गए नियम

जिन क्षेत्रों को हॉटस्पॉट के तौर पर देखा जा रहा वहां सभी कार्यक्रमों में लोगों की संख्या 10 कर दी गई जबकि निजी स्थानों में वाले कार्यक्रम में सिर्फ दो परिवार ही हिस्सा ले पाएंगे। एक हॉटस्पॉट को एक ऐसे क्षेत्र के रूप में परिभाषित जाता है जहां सात दिनों की अवधि में प्रति 1,00,000 लोगों पर 50 नए संक्रमण के मामले दर्ज किए जाते हैं। गैर हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में होने वाले समारोह के लिए 25 लोगों की संख्या तय की गई और निजी समारोह में केवल 15 लोग ही शामिल हो पाएंगे।

हॉटस्पॉट वाले इलाकों में पब और रेस्तरां को रात 11 बजे तक बंद करना होगा। बर्लिन और फ्रैंकफर्ट में यह नियम पहले से ही लागू है। मास्क को लेकर भी नियम कड़े कर दिए गए हैं। प्रति एक लाख में 35 नए संक्रमण के मामले आने पर सभी सार्वजनिक जगहों पर मास्क लगाना अनिवार्य होगा। अगर क्षेत्र हॉस्पॉट में तब्दील हो जाता है तो मास्क को लेकर नियम और सख्त कर दिए जाएंगे। 

फ्रांस में लगा दिया गया कर्फ्यू

फ्रांस ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच बुधवार रात कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने स्थानीय टीवी पर दिए अपने संबोधन में कहा कि पेरिस और अन्य 8 शहरों में कर्फ्यू लगाया जाएगा। फ्रांस के नौ शहरों में रात 9 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा। यह कर्फ्यू शनिवार से लागू होगा और यह अगले चार हफ्ते तक लागू रहेगा।

कर्फ्यू के दौरान लोग घरों से बाहर रेस्तरां में नहीं जा सकेंगे और ना ही किसी के घर पर। माक्रों ने अपने संबोधन में कहा कि हमें अब कदम उठाना होगा, हमें वायरस के प्रसार पर ब्रेक लगाना होगा। गौरतलब है कि कि फ्रांस में पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 के नए मामलों में तेजी से इजाफा होना शुरू हुआ है जिसके बाद फ्रांस सरकार को कर्फ्यू जैसा कदम उठाना पड़ा है।

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