‘हबल’ ने शुरू की शुरुआती आकाशगंगाओं की तलाश, यह है मुख्य उद्देश्य

नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने एक नए मिशन की शुरुआत की है। इसके तहत यह शक्तिशाली टेलीस्कोप छह विशाल आकाशगंगाओं के एक समूह का अध्ययन करेगा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Mon, 17 Sep 2018 12:00 PM (IST) Updated:Mon, 17 Sep 2018 12:01 PM (IST)
‘हबल’ ने शुरू की शुरुआती आकाशगंगाओं की तलाश, यह है मुख्य उद्देश्य
‘हबल’ ने शुरू की शुरुआती आकाशगंगाओं की तलाश, यह है मुख्य उद्देश्य

वाशिंगटन [प्रेट्र]। नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने एक नए मिशन की शुरुआत की है। इसके तहत यह शक्तिशाली टेलीस्कोप छह विशाल आकाशगंगाओं के एक समूह का अध्ययन करेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि इससे कई अन्य आकाशगंगाओं का पता चल सकेगा और यह पता करने में मदद मिलेगी कि ब्रह्मांड में शुरुआती आकाशगंगाएं कैसे विकसित हुईं।

हमारा ब्रह्मांड अनगिनत रहस्यों को खुद में समेटे हुए है। इसे समझने के लिए शुरुआती आकाशगंगाओं के गठन और उनके क्रमिक विकास को जानना बेहद जरूरी है। हालांकि, हबल स्पेस टेलीस्कोप हाल ही में कुछ सुदूर की आकाशगंगाओं को तलाश चुका है, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। इस वजह से जब खगोलविद ब्रह्मांड को बहुत विशाल प्रस्तुत करते हैं तो इसके निर्धारण में उन्हें परेशानी होती है।

बियोंड अल्ट्रा-डीप फ्रंटीर फील्ड्स एंड लेगेसी ऑब्जर्वेशन (बुफालो) के जरिये शुरुआती विश्लेषण में आकाशगंगा का समूह एबेल 370 सामने आया है और इसके चारों ओर गुरुत्वाकर्षण वाली आकाशगंगाएं दिखाई दी हैं। एबेल 370 जैसे आकाशगंगाओं के विशाल समूह खगोलविदों को ऐसे ही अन्य सुदूर ऑब्जेक्ट्स तलाशने में मदद कर सकते हैं।

इस वजह से सामने आते हैं आब्जेक्ट्स

वैज्ञानिकों के मुताबिक, आकाशगंगा समूहों की अत्यधिक संख्या कॉस्मिक मैग्नीफाइंग ग्लासेज के रूप में कार्य करती है। एक समूह का द्रव्यमान ही अन्य ऑब्जेक्ट्स को सामने लाने में मदद करता है। दरअसल, समूह का द्रव्यमान उसके पीछे के ऑब्जेक्ट्स के प्रकाश को बढ़ाता और मोड़ता है। इस वजह से वे सामने आ पाते हैं। अन्यथा हबल की बेहद संवेदनशील दृष्टि से भी उन्हें देख पाना संभव नहीं है। ब्रह्मांड की इस युक्ति का प्रयोग करके हबल शुरुआती और सुदूर स्थित आकाशगंगाओं का पता लगाने मे सक्षम है। यही वजह है कि एबेल 370 का विशेष विश्लेषण किया जा रहा है।

तलाशी गई आकाशगंगा बनेगी आधार

वैज्ञानिकों का मानना है कि एबेल 370 के जरिये कई आकाशगंगाओं की तलाश की जा सकती है। हाल ही में हबल टेलीस्कोप से ली गई एक तस्वीर के जरिये कुछ खास ऑब्जेक्ट्स देखने को भी मिले हैं।

यह पता चलेगा

इस मिशन के जरिये सबसे दूर की आकाशगंगाओं का पता लगाने में भी मदद मिलेगी। जब विशालकाय ब्रह्मांड की ढेरों आकाशगंगाओं का पता चल जाएगा तो उसके डाटा से ब्रह्मांड के निर्माण से जुड़े कई रहस्यों पर से पर्दा उठाया जा सकेगा।

यह है मुख्य उद्देश्य

बुफालो का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि ब्रह्मांड में विशालकाय और प्रकाशमान आकाशगंगाएं कब बनीं और कितना पहले आकाशगंगा का गठन डार्क मैटेर से जुड़ा। इसके जरिये खगोलविदों को पता चल पाएगा कि बिग बैंग के बाद शुरुआती आठ करोड़ वर्षों में कैसे आकाशगंगाओं का गठन हुआ। 

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