जानें कौन है Biden From Mumbai जिससे न मिल पाने का गम जो बिडेन को आज भी है
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीद्वार जो बिडेन को आज भी मलाल है कि वो मुंबई में अपने उपनाम के एक व्यक्ति से कभी नहीं मिल सके।
वाशिंगटन (पीटीआई)। डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए जो बिडेन के नाम पर अंतिम मुहर लग गई है। इस मौके पर बिडेन ने जहां मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को विभिन्न आरोपों के तहत कटघरे में खड़ा किया वहीं उन्होंने भारत में मौजूद अपने एक दोस्त का भी जिक्र किया। इस दोस्त को उन्होंने न कभी देखा है और न ही कभी उससे बात की है। लेकिन वो इस दोस्त को याद जरूर करते हैं। इस दोस्त से मिलने के लिए वो भारत भी आना चाहते हैं। उनके इस दोस्त का नाम बाइडेन है। उनके मुताबिक बाडडेन उनके दूर के रिश्तेदार भी हैं।
अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति रह चुके जो बिडेन अकसर उन्हें 'बाइडेन फ्रॉम मुंबई' कहकर पुकारते हैं। हालांकि उनसे कभी न मिल पाने का मलाल उनके चेहरे पर साफतौर पर दिखाई देता है। ये मलाल उन्हें आज भी है। दरअसल, वर्ष 1972 में जब वे डेलावेयर से सीनेटर चुने गए थे तब उन्हें मुंबई से उनके उपनाम वाले बाइडेन ने खत के जरिए बधाई संदेश भेजा था। नामांकन स्वीकार होने के बाद उन्होंने लोगों से मुखातिब होते हुए कहा कि 1972 में सीनेटर बनने के लिए उन्हें 'बाइडेन फ्रॉम मुंबई' ने शुभकामनाएं दी थीं। उस खत में इस शख्स ने ये भी लिखा था कि वह उनके दूर के रिश्ते में भी लगता है।
जिस वक्त बिडेन डेलावेयर से सीनेटर चुने गए थे उस वक्त उनकी उम्र 29 साल थी। वो इस शख्स से मिलना तो चाहते थे लेकिन परिवार और राजनीतिक प्रतिबद्धताओं के चलते ऐसा नहीं कर सके। इस घटना को पांच दशक बीत चुके हैं और बाइडेन से मिलने की उनकी इच्छा आज भी पहले जैसी ही है। उन्होंने कहा कि वह अपनी इस इच्छा को पूरा भी करना चाहते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि वे जब भी वे किसी भारतीय-अमेरिकी या भारतीय नेता से मुलाकात करते हैं तो 'बाइडेन फ्रॉम मुंबई' का जिक्र जरूर करते हैं।
आपको बता दें कि जो बिडेन अमेरिका के उप-राष्ट्रपति बनने के बाद जब पहली 2013 में भारत आए थे तब उन्होंने 24 जुलाई को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लोगों को संबोधित किया था। उस वक्त भी उन्होंने 'बाइडेन फ्रॉम मुंबई' का जिक्र किया था। तब उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि भारत आना और यहां मुंबई में होना उनके लिए सम्मान की बात है। अपने संबोधन में उन्होंने यहां तक कहा था कि 1972 में मिले उस खत का जवाब न दे पाने का मलाल उन्हें आज भी है। शायद यहां पर बैठा कोई व्यक्ति उनकी मदद कर सके और बाइडेन के बारे मे उन्हें जानकारी दे सके।
उन्होंने इस दौरान कहा था कि शायद उनके पूर्वर्जों का कोई संबंध बाइडेन फ्रॉम मुंबई से रहा हो या 1700 में ईस्ट इंडिया ट्रेडिंग कंपनी में काम करने के लिए कोई मुंबई आया हो। इसके कुछ साल बाद वॉशिंगटन डीसी में भी एक भाषण के दौरान बिडेन ने कहा था कि उनके एक पूर्वज ने ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम किया था और तब वो भारत गए थे।
21 सितंबर, 2015 को यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल को संबोधित करते हुए बिडेन ने कहा था कि 'बाइडेन फ्रॉम मुंबई और मेरे पूर्वज शायद एक थे जो 1848 में ईस्ट इंडिया टी कंपनी के लिए काम करते थे। उन्होंने शायद किसी भारतीय महिला से शादी कर ली और भारत में ही रह गए। वर्ष 2013 में मुंबई दौरे के दौरान दिए संबोधन में उन्होंने बड़े ही मजाकिया लहजे में कहा कि यदि ये सच है तो वो भारत में भी चुनाव लड़ सकते हैं।