विवादास्पद हो सकती है अंतर अफगान वार्ता, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने जताई आशंका

माइक पोंपियों ने यह भी कहा है कि दशकों से चले आ रहे संघर्ष की समाप्ति के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Fri, 11 Sep 2020 03:07 PM (IST) Updated:Fri, 11 Sep 2020 03:07 PM (IST)
विवादास्पद हो सकती है अंतर अफगान वार्ता, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने जताई आशंका
विवादास्पद हो सकती है अंतर अफगान वार्ता, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने जताई आशंका

इस्लामाबाद, एपी। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो (Mike Pompeo) ने अंतर अफगान वार्ता के विवादास्पद होने की आशंका जताई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि दशकों से चले आ रहे संघर्ष की समाप्ति के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। पोंपियो ने यह बयान कतर जाते हुए रास्ते में दिया। कतर की राजधानी दोहा (Doha) में ही शनिवार से अंतर अफगान वार्ता होनी है। पोंपियो भी इसमें शामिल होंगे। बता दें कि अमेरिका और तालिबान (Taliban) के बीच इसी साल 29 फरवरी को एक शांति समझौते पर दस्तखत हुए थे। समझौते के तहत तालिबान को जहां हिंसा में कमी लानी है वहीं अमेरिका को अफगानिस्तान में तैनात सैनिकों की तादाद चरणबद्ध तरीके से कम करने हैं।

पोंपियो ने कहा, 'बातचीत शुरू होने में अधिक समय लग गया। हालांकि हमें उम्मीद है कि शनिवार सुबह दो दशकों में पहली बार सभी अफगान (अफगान सरकार और तालिबान) एकसाथ मेज पर बैठेंगे। इसके विवादस्पद होने की संभावना है। यह उनका देश है। उन्हें ही तय करना है कि बातचीत को कैसे आगे बढ़ाया जाए, जिससे देश के लोगों को एक बेहतर जीवन मिल सके।'

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का वादा किया था। चूंकि इसी साल नवंबर में चुनाव होने हैं, इसलिए वह अंतर अफगान वार्ता शुरू करने के लिए दबाव डाल रही है। गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने वार्ता को रोमांचक बताते हुए कहा था कि वाशिंगटन अफगानिस्तान में मौजूद अपने सैनिकों की संख्या को नवंबर तक चार हजार के स्तर पर ले आएगा। भले ही अंतर अफगान वार्ता देर से शुरू हो रही है, लेकिन 29 फरवरी को हुए समझौते के बाद ही अमेरिका ने सैनिकों की संख्या में कमी लाना शुरू कर दिया था। समझौते से पहले अफगानिस्तान में अमेरिका के तेरह हजार सैनिक थे।

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