दुनिया में भारतीय प्रवासियों की संख्या सबसे ज्यादा, यह देश उनकी पहली पसंद
दुनिया भर में भारत प्रवासियों की संख्या के मामले में सबसे ऊपर है। हमारे देश के लगभग 18 मिलियन नागरिक अन्य देशों में रहते हैं। अमेरिका में इनकी संख्या सबसे ज्यादा है।
वाशिंगटन, एजेंसी। दुनिया भर में भारत प्रवासियों की संख्या के मामले में सबसे ऊपर है। हमारे देश के लगभग 18 मिलियन नागरिक अन्य देशों में रहते हैं। अमेरिका में इनकी संख्या सबसे ज्यादा है। यहां के आबादी में साल 2017 में भारतीय मूल का हिस्सा 1.3% हो गया और वे इस देश के सबसे सफल अप्रवासी हैं। यही नहीं इस देश हर क्षेत्र में इनकी तूती बोलती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला हैं।
अर्थशास्त्री निर्विकार सिंह ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सांताक्रूज के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ' इंडियन एंटरप्रेन्योरशिप, आर्थिक विकास का एक बहुत महत्वपूर्ण पक्ष है। अमेरिका में भारतीय प्रवासी पर एक पुस्तक के सह-लेखक ने बताया कि उच्च तकनीक वाले कंपनियों के 8% संस्थापक भारतीय हैं। सुंदर पिचाई और सत्य नडेला का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय अमेरिका की कुछ सबसे बड़ी टेक फर्मों में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
मिडिल ईस्ट भी कर रहा भारतीय को आकर्षित
आर्थिक कारण के चलते मिडिल ईस्ट खासकर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से भारतीय काफी आकर्षित होते हैं। यहां 3.1 मिलियन भारतीय रहते हैं। पिछले एक दशक में सऊदी अरब, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात समेत अन्य देशों में भारतीयों की संख्या चार गुना बढ़ गई है। इनकी संख्या साल 2005 में 2 मिलियन से बढ़कर 2015 में 8 मिलियन से अधिक हो गई।
साल 2027 तक दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाला देश होगा भारत
इसके बावजूद, भारत अभी भी 1.39 बिलियन लोगों का घर है और 2027 तक, यह दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकल जाएगा। भारत में प्रवासियों द्वारा प्रेषित धन आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 2018 में, विदेश में रह रहे भारतीयों ने 80 बिलियन डॉलर भारत में भेजा, जिससे भारत विदेशों से धन प्राप्त करने के मामले में प्रमुख देश बन गया।
2015 के बाद प्रवासी आबादी के मामले में अन्य देशों को पछाड़ा
भारत ने साल 2015 के बाद प्रवासी आबादी के मामले में अन्य देशों को पछाड़ दिया है। कई देश राजनीतिक उथल-पुथल या संघर्ष के चलते काफी संघर्ष करते दिखाई दिए। 1991 में सोवियत संघ के टूटने से लगभग 9 मिलियन लोग विस्थापित हुए थे। साल 2019 में, लगभग सभी अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी लगभग 10 देशों में रहते हैं। रूसी संघ अब 12 मिलियन प्रवासियों का घर है।