महिला शांति सैनिकों पर यूएनएचसी के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित करने पर भारत को गर्व

प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों को वर्दीधारी महिला कर्मियों के लिए प्रशिक्षण तक पहुंच और तैनाती में इच्छुक महिला कर्मियों के राष्ट्रीय डेटाबेस विकसित करने के लिए कहा

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 28 Aug 2020 11:36 PM (IST) Updated:Fri, 28 Aug 2020 11:36 PM (IST)
महिला शांति सैनिकों पर यूएनएचसी के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित करने पर भारत को गर्व
महिला शांति सैनिकों पर यूएनएचसी के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित करने पर भारत को गर्व

संयुक्त राष्ट्र, एएनआइ। भारत में महिला शांति सैनिकों पर सह-प्रायोजित इंडोनेशियाई संकल्प है जो शांति अभियानों के लिए वर्दीधारी महिलाओं की तैनाती बढ़ाने के लिए कहता है। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन ने एक बयान में कहा कि हम शांति स्थापना में महिलाओं पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित करने पर गर्व करते हैं जो शांति अभियान में महिलाओं की पूर्ण, प्रभावी और सार्थक भागीदारी का आह्वान करते हैं।

बयान में आगे कहा गया कि 2021 से शुरू होने वाली सुरक्षा परिषद में अपने कार्यकाल के दौरान हमने अपने लिए जो प्राथमिकताएँ तय की हैं, उसके अनुरूप भारत सभी क्षेत्रों में महिलाओं की अधिक भागीदारी के लिए जोर देता रहेगा।

शांति सैनिकों में केवल 6 फीसद ही महिलाएं

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पर मतदान किया गया है और परिणाम 29 अगस्त को घोषित किए जाएंगे। प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों को वर्दीधारी महिला कर्मियों के लिए प्रशिक्षण तक पहुंच और तैनाती में इच्छुक महिला कर्मियों के राष्ट्रीय डेटाबेस विकसित करने के लिए कहा गया है। 2019 के आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों में केवल 6 फीसद महिलाएं हैं। कुल 86,687 शांति सैनिकों में केवल 5,243 ही महिलाएं हैं।

प्रयासों को मजबूत करने का अनुरोध

संकल्प में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि शांति अभियानों में महिलाओं के लिए एक संवेदनशील कार्य करने माहौल विकसित किया जाना चाहिए। इस संकल्प में संयुक्त राष्ट्र महासचिव से शांति अनुरोध के साथ ही यौन उत्पीड़न को रोकने और संबोधित करने के प्रयासों को मजबूत करने का भी अनुरोध किया गया है।

गौरतलब है कि इससे पहले 2020 में भारतीय महिला शांतिदूत मेजर सुमन गवानी ने संयुक्त राष्ट्र सैन्य लिंग एडवोकेट पुरस्कार जीता था। उन्होंने दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ एक शांतिदूत के रूप में कार्य किया। संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में भारत सबसे बड़ी सैन्य टुकड़ी में से एक है।

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