कोरोना के मामले में खतरनाक हो सकती है हर्ड इम्यूनिटी, दुनिया के 80 वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

Coronavirus Herd Immunity दुनिया के कई वैज्ञानिकों की नजर हर्ड इम्यूनिटी पर भी टिकी हुई है। कोरोना पर लगाम लगाने के लिए कई बार हर्ड इम्यूनिटी पर बात हो चुकी है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) पहले ही इसको लेकर चेतावनी जारी कर चुका है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Thu, 15 Oct 2020 12:41 PM (IST) Updated:Thu, 15 Oct 2020 01:10 PM (IST)
कोरोना के मामले में खतरनाक हो सकती है हर्ड इम्यूनिटी, दुनिया के 80 वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
दुनिया के कई वैज्ञानिकों और देशों की नजर हर्ड इम्युनिटी पर टिकी है।

न्यूयॉर्क, आइएएनएस। Coronavirus Herd Immunity, दुनियाभर में कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। एक तरह कई देशों के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन तैयार करने में जुटे हुए हैं तो दूसरी ओर कई तरह की दवाओें का इस्तेमाल भी हो रहा है। इन्हें कोरोना की दवा के रूप में लांच किया जा रहा है। वहीं, दुनिया के कई वैज्ञानिकों की नजर हर्ड इम्यूनिटी पर भी टिकी हुई है। कोरोना पर लगाम लगाने के लिए कई बार हर्ड इम्यूनिटी पर बात हो चुकी है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) पहले ही इसको लेकर चेतावनी जारी कर चुका है।

लैंसेट के एक जर्नल में प्रकाशित एक खुले पत्र में 80 अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं ने हर्ड इम्यूनिटी को लेकर अपनी राय स्पष्ट की है। पत्र में लिखा गया है कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए हर्ड इम्यूनिटी के उपयोग करने का विचार वैज्ञानिक प्रमाणों द्वारा असमर्थित एक खतरनाक सोच है। विशेषज्ञों ने कहा कि निर्णायक और तत्काल कार्य करना महत्वपूर्ण है।

लैंसेट ने दावा किया कि वैज्ञानिकों ने स्वीकार किया है कि मौजूदा प्रतिबंधों से जनता में व्यापक लोकतांत्रिकता और कम भरोसा पैदा हुआ है और संक्रमण की दूसरी लहर के डर से लोगों के अंदर हर्ड इम्यूनिटी को लेकर दिलचस्पी पैदा हुई है। सभी वैज्ञानिकों ने जोर देकर कहा कि कोरोना संक्रम से प्रतिरक्षा पर निर्भर कोई भी महामारी प्रबंधन रणनीति त्रुटिपूर्ण है।

क्या है हर्ड इम्यूनिटी ?

हर्ड इम्यूनिटी(Herd Immunity) वह प्रक्रिया है, जिसमें एक बड़े समूह में बीमारी फैलने से इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता उससे लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाती है। बीमारी से लड़कर पूरी तरह ठीक होने वाले लोग ‘इम्यून’(Immune) कहे जाते हैं। इससे उन्हें स्थायी इलाज में मदद मिलती है।

हर्ड इम्यूनिटी पर WHO ने क्या कहा ?

दुनिया के ज्यादातर विशेषज्ञ कोरोना को लेकर हर्ड इम्यूनिटी की रणनीति को सही नहीं बताते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पोलियो और खसरा बीमारी का उदाहरण देते हुए इसको लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि हर्ड इम्यूनिटी एक कॉन्सेप्ट है, जिसका इस्तेमाल टीकाकरण में होता है। इसमें एक सीमा तक टीकाकरण हो जाने के बाद ही पूरी आबादी को किसी वायरस से बचाया जा सकता है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि हर्ड इम्यूनिटी किसी वायरस से इंसान की सुरक्षा करके हासिल की जाती है, ना कि उन्हें जोखिम में डालकर।

हर्ड इम्यूनिटी पर भारत ने क्या कहा ?

भारत फिलहाल हर्ड इम्यूनिटी से काफी दूर है। भारत के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया है कि भारत अभी हर्ड इम्युनिटी की अवस्था में पहुंचने से बहुत दूर है। अपने साप्ताहिक कार्यक्रम 'संडे संवाद' के दौरान लोगों से बातचीत में हर्षवर्धन ने बताया था कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के दूसरे सीरो सर्वे से जो संकेत मिल रहे हैं उसके मुताबिक देश में अभी हर्ड इम्युनिटी नहीं हुई है।

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