सऊदी अरब हथियार की बिक्री में जांच कर रही निगरानी एजेंसी को ट्रंप ने किया बर्खास्त, डेमोक्रेट ने उठाए सवाल

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा सऊदी अरम को बेचे गए सशस्त्र बलों की बिक्री की निगरानी एजेंसी को बर्खास्त कर दिया गया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Tue, 19 May 2020 01:44 PM (IST) Updated:Tue, 19 May 2020 01:44 PM (IST)
सऊदी अरब हथियार की बिक्री में जांच कर रही निगरानी एजेंसी को ट्रंप ने किया बर्खास्त, डेमोक्रेट ने उठाए सवाल
सऊदी अरब हथियार की बिक्री में जांच कर रही निगरानी एजेंसी को ट्रंप ने किया बर्खास्त, डेमोक्रेट ने उठाए सवाल

वॉशिंगटन, एपी। कांग्रेसी डेमोक्रेट्स का कहना है कि पिछले सप्ताह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा राज्य विभाग की जिस निगरानी एजेंसी को बरख्सात किया गया उसने  पिछले साल सऊदी अरब में हथियारों की बड़े पैमाने पर बिक्री में संभावित गड़बड़ी की जांच की थी, उन्होंने कहा कि अब वॉचडॉग की अचानक बर्खास्तगी में नए प्रश्न खड़े कर दिए हैं। डेमोक्रेट्स ने सोमवार को कहा कि अपदस्थ महानिरीक्षक स्टीव लिनिक जांच कर रहे थे कि कैसे राज्य विभाग  ने कांग्रेस की आपत्तियों पर  7 बिलियन डॉलर की सऊदी हथियार बिक्री के माध्यम से धक्का दिया।

डेमोक्रेट्स ने पहले सुझाव दिया कि बर्खास्तगी को लिनीक की उन आरोपों की जांच से जोड़ा गया हो सकता है कि राज्य के सचिव माइक पोम्पिओ ने कर्मचारियों को अनुचित रूप से उनके लिए व्यक्तिगत काम चलाने का आदेश दिया हो। ना तो व्हाइट हाउस और ना ही विदेश विभाग ने लिनिक के शुक्रवार शाम से बर्खास्तगी के लिए विशिष्ट कारण प्रदान किए हैं, जो कि विभिन्न कार्यकारी शाखा विभागों में सामान्य तौर पर ट्रंप के कई निरीक्षकों को हटाने पर व्यापक चिंताओं के बीच आता है।

पोम्पेओ के एक वरिष्ठ विदेश विभाग के अधिकारी, अंडर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट ब्रायन बुलाटाओ, ने पोस्ट को बताया कि पिछले साल मीडिया में लीक के बाद लिन्क पर विश्वास कम हो गया था।  जब आईजी जांच की बात मीडिया में लीक हो गई थी।  यह रिपोर्ट ट्रंप के लिए वफादार माने जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए  के लिए महत्वपूर्ण थी। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष एलियट एंगेल ने कहा कि वह परेशान थे कि लिंडिक को सऊदी जांच पूरी होने से पहले ही बर्खास्त कर दिया गया। 

जानकारी के लिए बता दें कि स्वीडन स्थित शोध संस्थान सिपरी (स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट) का कहना है कि 2015 से 2019 की अवधि में हथियारों की बिक्री में पिछले पांच साल के मुकाबले 6 फीसदी की वृद्धि हुई है।  इस दौरान दुनिया भर में हथियारों की बिक्री का 36 प्रतिशत अमेरिका की कंपनियों से हुआ।

chat bot
आपका साथी