ट्रंप के परमाणु डील तोड़ने पर दुनियाभर में तीखी प्रतिक्रिया

फ्रांस ने कहा कि परमाणु डील खत्म नहीं हुई है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इस मुद्दे पर अपने ईरानी समकक्ष हसन रूहानी से बात करेंगे।

By Manish NegiEdited By: Publish:Wed, 09 May 2018 10:08 PM (IST) Updated:Wed, 09 May 2018 10:08 PM (IST)
ट्रंप के परमाणु डील तोड़ने पर दुनियाभर में तीखी प्रतिक्रिया
ट्रंप के परमाणु डील तोड़ने पर दुनियाभर में तीखी प्रतिक्रिया

लंदन, प्रेट्र/रायटर। ईरान के साथ परमाणु समझौते को खत्म करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एलान पर दुनियाभर में तीखी प्रतिक्रिया जताई गई है। ट्रंप के फैसले से जहां ईरान भड़क गया है तो वहीं फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने चिंता जताई है। इन यूरोपीय देशों ने समझौते के साथ बने रहने के लिए प्रतिबद्धता भी व्यक्त की है। फ्रांस ने कहा कि परमाणु डील खत्म नहीं हुई है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इस मुद्दे पर अपने ईरानी समकक्ष हसन रूहानी से बात करेंगे। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी ट्रंप के फैसले को भारी भूल करार दिया है। ओबामा के कार्यकाल में ही ईरान के साथ यह परमाणु समझौता हुआ था।

ट्रंप ने मंगलवार को परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने का एलान किया था। उन्होंने इस समझौते को दोषपूर्ण करार दिया था। इसके बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने संयुक्त बयान जारी कर ट्रंप के फैसले पर चिंता जताई। इन नेताओं ने कहा कि वे ईरान समझौते का पालन करना जारी रखेंगे। इस समझौते ने दुनिया को सुरक्षित रखा है। इन नेताओं ने ईरान से अमेरिकी फैसले पर संयम दिखाने का भी आग्रह किया है। रूस ने भी ट्रंप के फैसले पर निराशा जाहिर की है। यूरोपीय यूनियन की शीर्ष राजनयिक फेड्रिका मोघरिनी ने अंतराष्ट्रीय समुदाय से ईरान परमाणु समझौते से बंधे रहने की अपील की है। यूरोपीय यूनियन के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने कहा कि अगले हफ्ते सोफिया में होने वाले सम्मेलन के एजेंडे में यह मामला मुख्य रहेगा।

अमेरिका अपने ही वादों का नहीं करता सम्मान: रूहानी

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा, अमेरिकी घोषणा से जाहिर होता है कि वह अपने ही वादों का सम्मान नहीं करता। रूहानी का मानना है कि यह परमाणु समझौता तभी बच सकता है जब समझौते के अन्य साझीदार ट्रंप की उपेक्षा कर दें। उन्होंने चेतावनी भी दी कि समझौता विफल होने पर उनका देश फिर से यूरेनियम संवर्धन करेगा।

ईरानी संसद में जलाया गया अमेरिकी झंडा

परमाणु समझौते से अमेरिका के पीछे हटने पर ईरान में भारी गुस्सा देखने को मिला। ईरानी सांसदों ने संसद में कागज से बने अमेरिकी झंडे और समझौते की प्रति को जलाया और अमेरिका मुर्दाबाद के नारे लगाए। संसद के स्पीकर ने कहा कि ट्रंप सिर्फ ताकत की भाषा समझते हैं।

इजरायल, खाड़ी देश ट्रंप के साथ

ट्रंप के फैसले का ईरान के विरोधी माने जाने वाले इजरायल और सऊदी अरब व उसके सहयोगी खाड़ी देशों ने स्वागत किया है। वे इस फैसले को ईरान पर सियासी जीत मान रहे हैं।

छह देशों ने किया था परमाणु समझौता

साल 2015 में ईरान ने दुनिया के छह शक्तिशाली देशों के साथ परमाणु समझौता किया था। इन देशों में अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, रूस और जर्मनी शामिल थे।

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