फरवरी में न्यूयोर्क में फैलना शुरू हुआ कोरोना वायरस, यूरोप से आए ज्यादातर मामले

अमेरिकी वैज्ञानिक ने दावा करते हुए कहा कि न्यूयोर्क में कोरोना वायरस पहली बार फरवरी में फैलना शुरू हुआ था।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Thu, 09 Apr 2020 08:56 AM (IST) Updated:Thu, 09 Apr 2020 08:56 AM (IST)
फरवरी में न्यूयोर्क में फैलना शुरू हुआ कोरोना वायरस, यूरोप से आए ज्यादातर मामले
फरवरी में न्यूयोर्क में फैलना शुरू हुआ कोरोना वायरस, यूरोप से आए ज्यादातर मामले

वाशिंगटन, एएफपी। कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहे अमेरिका के न्यूयोर्क में कोरोना वायरस पहली बार फरवरी में फैलना शुरू हुआ था। एक वैज्ञानिक ने दावा करते हुए कहा कि व्यापक रूप से परीक्षण शुरू होने से पहले ही ये फैलने लगा था और स्थानीय नमूनों में अब तक पहचाने जाने वाले ज्यादातर यूरोप से हैं।

शोध का नेतृत्व करने वाले एनवाईयू ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के आनुवंशिकीविद् एड्रियाना हेग्यु ने एएफपी को बताया कि वायरस के प्रसार की श्रृंखला का पता लगाने से नीति निर्माताओं को भइससे निपटने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह बहुत दिलचस्प है कि स्थानीय नमूनों में ज्यादातर यूरोप से आने वालों के हैं। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि चीन से यात्रा रोकने पर पूरा ध्यान केंद्रित था।

उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर परीक्षण शुरू होने से पहले ही न्यूयॉर्क के चिकित्सक रहस्यमय न्यूमोनिया के मामलों का इलाज कर रहे थे। हेग्यु और उनकी टीम ने न्यूयोर्क के तीन अस्पतालों के 75 मरीजों के नाक से लिए गए नमूनों की जांच की। उन्होंने बताया कि सभी जीव समय के साथ बदलते रहते हैं, लेकिन आरएनए वायरस जैसे कि एसएआरएस-सीओवी -2 के प्रत्येक चक्र में कुछ त्रुटियां पेश होती है। यही कारण है कि इन्फ्लूएंजा वायरस हर मौसम में भिन्न होते हैं और नए टीकों की आवश्यकता पड़ती है।

उनके द्वारा अध्ययन किए गए पहले रोगी का कोई प्रासंगिक यात्रा इतिहास नहीं था, जिसका अर्थ है कि वह अपने समुदाय में किसी से संक्रमित था। हेग्यु ने कहा कि उनके वायरस में हुए विशिष्ट बदलावों के आधार पर हम मूल रूप से बता सकते हैं कि यह इंग्लैंड से आया।

जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के मुताबिक वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 15 लाख को पार कर गई है, जबकि अब तक कुल 88 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, दुनिया भर में वायरस से संक्रमित तीन लाख लोग ठीक हो चुके हैं।

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