अमेरिका और चीन की होड़ से बदलेंगे राजनीतिक हालात, इसमें कोविड-19 महामारी निभा रही बड़ी भूमिका

ग्लोबल ट्रेंड्स 2040 के शीर्षक से न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी देशों के मुश्किल में फंसने का फायदा चीन उठाएगा। आने वाले समय में अमेरिका और चीन के बीच प्रतिद्वंद्विता का दायरा और विकसित होगा। इससे दुनिया की भू-राजनीतिक स्थितियां प्रभावित होंगी।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 10:10 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 06:09 AM (IST)
अमेरिका और चीन की होड़ से बदलेंगे राजनीतिक हालात,  इसमें कोविड-19 महामारी निभा रही बड़ी भूमिका
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फाइल फोटो

वाशिंगटन, न्यूयॉर्क टाइम्स। अमेरिका और पश्चिमी देशों के नेतृत्व वाली विश्व व्यवस्था को चीन की चुनौती से भू-राजनीतिक हालात बदल रहे हैं। कोविड-19 महामारी इसमें बड़ी भूमिका निभा रही है। 2017 में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में दुनिया में ऐसी कोई महामारी फैलने की आशंका जताई गई थी। कहा गया था कि उससे विश्व व्यवस्था को गंभीर चुनौती मिलेगी। कोरोना काल में वैसा ही कुछ हुआ है। यह वायरस चीन से ही फैला है।

ग्लोबल ट्रेंड्स 2040 के शीर्षक से न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी देशों के मुश्किल में फंसने का फायदा चीन उठाएगा। आने वाले समय में अमेरिका और चीन के बीच प्रतिद्वंद्विता का दायरा और विकसित होगा। इससे दुनिया की भू-राजनीतिक स्थितियां प्रभावित होंगी। दोनों देशों में प्रतिद्वंद्विता की स्थिति कई दशकों तक बनी रह सकती है। इस दौरान दुनिया में सहयोग और विरोध के नए मानदंड स्थापित होंगे। साथ ही नए समीकरण और गठबंधन होंगे। इस दौरान क्षेत्रीय शक्तियों और आधिकारिक सत्ता से दूर ताकतों को महत्व मिलेगा। उन्हें महाशक्तियों से सहयोग और प्रश्रय मिलेगा।

कोरोना वायरस काल में मौजूदा विश्व व्यवस्था होगी कमजोर 

यह रिपोर्ट हर चार साल में अमेरिका की नेशनल इंटेलीजेंस काउंसिल की ओर से पेश होती है। इसमें अमेरिका की सुरक्षा चुनौतियों का विस्तृत विवरण होता है। ताजा रिपोर्ट में चीन से पैदा हो रहे खतरों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। दोनों देशों की बढ़ती प्रतिद्वंद्विता का असर समाज और सुरक्षा पर पड़ने की आशंका जताई गई है। इस प्रतिद्वंद्विता के दौर में इंटरनेट का इस्तेमाल और बढ़ेगा। उसे हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके जरिये सांस्कृतिक मूल्यों को प्रभावित करने की कोशिश की जाएगी। इस सबसे सामाजिक एकता प्रभावित होगी और मतभेद पनपेंगे। देशों के समूह एक-दूसरे के खिलाफ अपने-अपने हितों के अनुसार अभियान छेड़ेंगे। कोरोना वायरस काल में मौजूदा विश्व व्यवस्था कमजोर होगी, चीन उसका फायदा उठाने की पूरी कोशिश करेगा। इस दौरान लोगों में असंतोष बढ़ेगा और पुरानी विश्व व्यवस्था के प्रति अविश्वास पैदा होगा।

कोरोना काल में होने वाले लॉकडाउन, क्वारंटाइन और सीमाओं को बंद करने के उपाय पुरानी विश्व व्यवस्था को और नुकसान पहुंचाएंगे। इससे विभिन्न देशों की सप्लाई चेन प्रभावित होगी, देशों पर कर्ज बढ़ेगा, अर्थव्यवस्था पर सरकार का नियंत्रण बढ़ेगा। इसके सबके परिणामस्वरूप भूख, बेरोजगारी बढ़ेगी और कानून व्यवस्था के लिए समस्या पैदा होगी। संरक्षणवाद बढ़ेगा। इन स्थितियों में चीन अपना लाभ बढ़ाने का मौका तलाशेगा।

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