भारतीय अमेरिकी सासंद प्रमिला जयपाल बोलीं- ट्रंप पर नहीं है अमेरिकी लोगों को विश्वास

प्रमिला ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में रूस की कथित भूमिका पर एफबीआई की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उससे ये हजम करना मुश्किल है कि ट्रंप को कोई जानकारी नहीं थी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 17 Sep 2018 04:54 PM (IST) Updated:Mon, 17 Sep 2018 10:21 PM (IST)
भारतीय अमेरिकी सासंद प्रमिला जयपाल बोलीं- ट्रंप पर नहीं है अमेरिकी लोगों को विश्वास
भारतीय अमेरिकी सासंद प्रमिला जयपाल बोलीं- ट्रंप पर नहीं है अमेरिकी लोगों को विश्वास

वाशिंगटन, प्रेट्र। 2016 में अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनावों के दौरान रूस के कथित हस्तक्षेप की भूमिका पर जांच जारी है। इस बीच भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप पर आरोप लगाए हैं। प्रमिला ने कहा कि अमेरिकी लोग ये महसूस कर रहे हैं कि अब वो ट्रंप पर भरोसा नहीं करते।

राष्ट्रपति चुनाव में रूस की कथित भूमिका पर एफबीआई की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उससे ये हजम करना मुश्किल है कि ट्रंप को कोई जानकारी नहीं थी कि उनके राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान क्या चल रहा था। जयपाल अमेरिकी भारतीय प्रतिनिधि सभा के लिए चुने जाने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला हैं।

जांच में गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश 
प्रमिला का ये बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिकी फेडेरल कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व सहयोगी पॉल मनाफोर्ट की जमानत रद्द करते हुए न्याय में बाधा पहुंचाने का हवाला देकर उन्हें जेल भेज दिया है। एफबीआई के जांचकर्ता रॉबर्ट मुलर ने कहा था कि मनाफोर्ट और उनके एक सहयोगी ने मामले में गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की है। मुलर 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में रूस की कथित भूमिका की जांच कर रहे हैं।

रूस के हस्‍तक्षेप में ट्रंप की भूमिका के बारे में होगी जानकारी 
प्रमिला ने मनाफोर्ट को सजा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये एक व्यक्ति पर आरोप की बात नहीं है बल्कि उनके उच्च सलाहकार, अभियान चलाने वाला मैनेजर, डिप्‍टी मैनेजर और राष्ट्रपति के निजी वकील को फेडेरल अदालत ने दोषी मानते हुए सजा दी है। अगर ये सभी चुनाव के दौरान रूस के हस्तक्षेप जैसे गंभीर मामले से जुड़े थे तो ये कैसे हो सकता है कि जिसके लिए अभियान चला रहे थे, उन्हें इस बारे में मालूम ही नहीं था। हमें अभी और इंतजार करना होगा। इससे राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रूस के हस्तक्षेप में ट्रंप की भूमिका के बारे में पता चलेगा।

राष्‍ट्रपति चुनाव में दूसरे देश का हस्‍तक्षेप अपमानजनक 
रूस के हस्तक्षेप के मसले पर अमेरिकी लोग ट्रंप पर यकीन खो चुके हैं। लोगों का मानना है कि एफबीआई के जांचकर्ता मूलर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और जांच जारी रहनी चाहिए। ऐसे में अमेरिका जनता मानती है कि हमारे चुनाव में किसी अन्य देश का हस्तक्षेप बेहद अपमानजनक है। इस प्रकरण के पीछे जो लोग हैं, उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए।

एफबीआई की जांच में बाधा पहुंचाने की कोशिश 
भ्रष्टाचार, लालच के इस खेल के बारे में मनाफोर्ट की चार्जशीट से ही अंदाजा लगा सकते हैं। इससे साफ हो जाता है कि रूसी हस्तक्षेप की जांच कर रही एफबीआई के काम में ट्रंप के अभियान चलाने वाले मैनेजर ने बाधा पहुंचाने की कोशिश की, जिसे सही मानते हुए कोर्ट ने सजा सुनाई।

ट्रंप को विवाद में रहने और लोकप्रियता हासिल करने से फुर्सत नहीं 
पिछले अठारह महीने में आप अमेरिका की हालत देखिये । स्वास्थ सेवा सबसे ज्यादा चरमराई हुई है। लोग चाहते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप देश के विकास को लेकर ज्यादा गंभीरता से काम करें और ध्यान एकत्रित करें, पर ट्रंप को ट्वीट के जरिए विवाद में रहने और लोकप्रियता हासिल करने से फुर्सत ही नहीं।

चरमराती स्‍वास्‍थ्‍य सेवा पर सरकार का ध्‍यान नहीं

जयपाल ने रिपब्लिकन पार्टी की निंदा करते हुए उन्हें विफल बताया। उन्‍होंने कहा है आप देखते हैं कि रिपब्लिकन ने स्वास्थ्य देखभाल लागत को कम करने के लिए क्या किया है। उनके मुताबिक लोगों की स्वास्थ सेवा इस समय देश की सबसे बड़ी समस्या बनके उभरी है, जिस पर ट्रंप की पार्टी और सरकार का कोई ध्यान नहीं। 

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