अमेरिकी विश्वविद्यालय नासा के लिए विकसित करेंगे लूनर मिशन की ऊर्जा तकनीक

नासा ने सोमवार को बताया कि उसने अपने पहले लूनर सरफेस टेक्नोलॉजी रिसर्च (एलएसटीआर) के लिए छह परियोजनाओं के प्रस्तावों का चयन किया है। शुरुआत में उसका फोकस लूनर सरफेस इनोवेशन पर है जो उसके आर्टेमिस प्रोग्राम के लिए जरूरी है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Tue, 09 Mar 2021 10:43 PM (IST) Updated:Tue, 09 Mar 2021 10:50 PM (IST)
अमेरिकी विश्वविद्यालय नासा के लिए विकसित करेंगे लूनर मिशन की ऊर्जा तकनीक
टिकाऊ संसाधन को लेकर विशेष शोध करने का आह्वान किया

वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा वर्ष 2024 तक चांद पर पहली महिला और एक और पुरुष को चांद पर उतारने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए उसने अमेरिकी विश्वविद्यालयों से अंतरिक्ष यान में इस्तेमाल होने वाली ऊर्जा के लिए एक टिकाऊ संसाधन को लेकर विशेष शोध करने का आह्वान किया है।

नासा ने सोमवार को बताया कि उसने अपने पहले लूनर सरफेस टेक्नोलॉजी रिसर्च (एलएसटीआर) के लिए छह परियोजनाओं के प्रस्तावों का चयन किया है। शुरुआत में उसका फोकस लूनर सरफेस इनोवेशन पर है, जो उसके आर्टेमिस प्रोग्राम के लिए जरूरी है।

नासा के अंतरिक्ष तकनीकी मिशन निदेशालय के उप सहायक प्रशासक वाल्ट इंगेलुंड ने बताया कि अमेरिकी विश्वविद्यालयों द्वारा विकसित किया जाना वाला सिस्टम से भविष्य की खोज ज्यादा सुलभ और रोमांचक होगी।

नासा के पर्सिवियरेंस रोवर ने मंगल ग्रह पर शुरू किया काम

वहीं, दूसरी ओर नासा के पर्सिवियरेंस रोवर ने अपना काम शुरू कर दिया है। रोवर ने मंगल ग्रह से चौंकाने वाली तस्‍वीरें भेजी हैं। उसकी मिमोरी में बहुत सारा डेटा है, जिसको वह धीरे-धीरे धरती पर भेज रहा है। नासा ने कहा है कि वह आने वाले दिनों में और भी कई तस्‍वीरें जारी करेगा। इन तस्‍वीरों में रोवर के मंगल ग्रह पर उतरने की छोटी सी मूवी शामिल होगी। खास बात यह है कि मूवी में साउंड भी होगा।

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