ह्यूस्टन चीनी वाणिज्य दूतावास पर अमेरिका ने किया कब्जा, चीनी झंडा हटा

अमेरिकी कदम से भड़के चीन ने भी बदले की कार्रवाई की है। उसने भी चेगंदू शहर में स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sat, 25 Jul 2020 06:43 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jul 2020 06:43 PM (IST)
ह्यूस्टन चीनी वाणिज्य दूतावास पर अमेरिका ने किया कब्जा, चीनी झंडा हटा
ह्यूस्टन चीनी वाणिज्य दूतावास पर अमेरिका ने किया कब्जा, चीनी झंडा हटा

ह्यूस्टन, एजेंसियां। अमेरिकी अधिकारियों ने ह्यूस्टन शहर में स्थित चीन के वाणिज्य दूतावास पर कब्जा कर दिया। ट्रंप प्रशासन ने चीन को इस दूतावास को खाली करने के लिए 72 घंटे की मोहलत दी थी। यह मियाद पूरी होने के बाद शुक्रवार को अधिकारी दूतावास परिसर में घुसे और इसे बंद करा दिया।

चीनी दूतावास अधिकारियों के साथ प्रदर्शनकारियों ने की धक्कामुकी

यह दूतावास चार दशक पहले खोला गया था। परिसर खाली करने के दौरान चीनी अधिकारियों और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्कामुक्की भी हुई।

72 घंटे की मियाद पूरी होने के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने इमारत को कब्जे में लिया

मीडिया में आई खबरों के अनुसार, शुक्रवार को 72 घंटे की मियाद पूरी होने के बाद अमेरिकी अधिकारी चीनी दूतावास परिसर में घुसे और पांच मंजिली इमारत को अपने कब्जे में ले लिया। इससे पहले दूतावास स्टाफ को परिसर खाली करते देखा गया। इस दौरान दूतावास के बाहर करीब 100 चीन विरोधी प्रदर्शनकारी भी मौजूद रहे और 'चीन वापस जाओ' जैसे नारे लगा रहे थे। कुछ मीडिया खबरों में यह भी बताया गया कि अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों को एक दरवाजे से जबरन दूतावास परिसर में घुसते देखा गया।

ट्रंप प्रशासन ने जासूसी के लगाए आरोप

ट्रंप प्रशासन ने गत मंगलवार को चीन को वाणिज्य दूतावास खाली करने के लिए 72 घंटे का वक्त दिया था। विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने आरोप लगाया था कि यह दूतावास जासूसी और बौद्धिक संपदा चोरी का अड्डा बन गया है। दूसरे कई अन्य शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने भी आरोप लगया था कि ह्यूस्टन वाणिज्य दूतावास बीजिंग के जासूसी मुहिम में लिप्त है।

चीन ने भी की बदले में कार्रवाई

अमेरिकी कदम से भड़के चीन ने भी बदले की कार्रवाई की है। उसने भी चेगंदू शहर में स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है। चीन ने अपने इस कदम के पीछे दलील दी कि अमेरिका उसके आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है और उसके राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचा रहा है।

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