पुस्तक मेले में सीएए-एनआरसी के विरोध को एकजुट हुए युवा

- गले में तख्तियां लटका कर रहे हैं प्रदर्शन - कहा बंगाल और बंगालियों की रक्षा को जारी है लड

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Feb 2020 09:15 AM (IST) Updated:Wed, 05 Feb 2020 09:15 AM (IST)
पुस्तक मेले में सीएए-एनआरसी के विरोध को एकजुट हुए युवा
पुस्तक मेले में सीएए-एनआरसी के विरोध को एकजुट हुए युवा

- गले में तख्तियां लटका कर

रहे हैं प्रदर्शन

- कहा, बंगाल और बंगालियों की रक्षा को जारी है लड़ाई

जागरण संवाददाता, कोलकाता : नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिक पंजी के विरोध का असर कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में भी देखने को मिल रहा है, जहां इस कानून के विरोध में युवा अपने गले में नो सीएए और नो एनआरसी के तख्तियां लटकाए शांतिपूर्ण ढंग से मौन प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं इस विरोध प्रदर्शन में शामिल उत्पल दास नाम के एक युवा ने कहा कि हम भारत में बंगालियों की रक्षा को बांग्लादेश की तरफ से लड़ रहे हैं, ताकि कोई बंगालियों के अधिकारों को न छीन सके। आगे उन्होंने कहा कि देश से बंगालियों को बाहर निकाले की साजिश के तहत केंद्र की मोदी सरकार यहां एनआरसी लागू करना चाहती है। असम में 19 लाख से अधिक लोगों को इस सूची से बाहर कर दिया गया है, जिसमें अधिक संख्या बंगालियों की है। हम उनकी रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। हर दिन हम पुस्तक मेले विरोध को आते हैं, ताकि यहां आने वाले लोगों को केंद्र की मोदी सरकार के नीतियों से अवगत करा सके। इसके अलावा राज्य के जिलों में भी हमारा विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। वहीं उन्होंने कहा कि इस मेले की खास बात यह है कि कई प्रकाशकों ने सीएएव एनआरसी विरोध को स्टॉलों की व्यवस्था की है। उत्पल ने बताया कि उनके इस विरोध प्रदर्शन में कुल 23 साथी शामिल हैं।

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