CAA-NRC पर ममता बनर्जी ने पकड़ी अलग राह, कहा- कांग्रेस-लेफ्ट कर रहीं Dirty Politics

CAA 2019 को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान बताता है कि विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर जो विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वह केवल उनकी राजनीति का हिस्सा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 09 Jan 2020 12:57 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jan 2020 06:21 PM (IST)
CAA-NRC पर ममता बनर्जी ने पकड़ी अलग राह, कहा- कांग्रेस-लेफ्ट कर रहीं Dirty Politics
CAA-NRC पर ममता बनर्जी ने पकड़ी अलग राह, कहा- कांग्रेस-लेफ्ट कर रहीं Dirty Politics

कोलकाता, एएनआइ। Citizenship Amendment Act 2019 को लेकर एक तरफ विपक्षी दल सड़क से लेकर संसद तक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्षी दल इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ दिखने का पूरा प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यहां भी उनकी राजनीतिक महत्वकांक्षा आड़े आ रही है। ये आरोप खुद इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लगाया है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA 2019) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में जाने से इन्कार कर दिया है। ये बैठक 13 जनवरी को दिल्ली में होनी है। गुरुवार को बैठक का बहिष्कार करते हुए ममता बनर्जी ने कांग्रेस और लेफ्ट दलों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीएए व एनआरसी के मुद्दे पर कांग्रेस और लेफ्ट पर पश्चिम बंगाल में गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी घोषणा कर दी है कि सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर वह अकेली ही लड़ेंगी। 

ममता ने सीएए व एनआरसी के खिलाफा निकाला विरोध मार्च

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर 24 परगना के मध्यग्राम में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध मार्च निकाला।

जागरण संवाददाता के मुताबिक, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर पिछले चार माह से तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। इस विरोध को वह अपने दम पर ही अंजाम तक पहुंचाना चाहती है। इसीलिए ममता ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि वह कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा विपक्षी दलों की बुलाई गई बैठक में भाग नहीं लेंगी।

ममता के इस कदम को विपक्षी एकता में दरार मानी जा रही है। ममता बनर्जी ने कांग्रेस और वाममोर्चा पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह सीएए और एनआरसी के खिलाफ लड़ाई अकेली लड़ेंगी। साथ ही, सीएए के खिलाफ शुक्रवार से कोलकाता में तृणमूल का नॉन-स्टॉप धरना शुरू करने की भी घोषणा कर दी है। ममता आज फिर सीएए के खिलाफ उत्तर 24 परगना जिले में सड़क पर उतरकर पांच किलोमीटर लंबी यात्रा की।

इससे पहले गुरुवार को बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि वाममोर्चा और कांग्रेस की ओर से दिल्ली में कुछ और जबकि बंगाल में कुछ और मापदंड अपनाया जा रहा है। यहां बुधवार को बुलाए गए बंद के दौरान गुंडागर्दी की गई। पहले सोचा था कि दिल्ली में बुलाई गई बैठक में हिस्सा लूंगी लेकिन अब मैंने वहां जाने का फैसला बदल लिया है।

सूत्रों ने बताया कि विधानसभा अधिवेशन से बाहर निकल अपने कक्ष में पहुंचने के बाद ममता बनर्जी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से फोन पर बात की और कहा कि शरद जी मैं दिल्ली नहीं आ रही हूं, आप सभी को बता दें, बीते कल बंद के नाम पर वाममोर्चा और कांग्रेस की ओर से जो बंगाल में जो किया गया है उसे लेकर मैंने अपना फैसला बदल दिया है। बताया जाता है कि बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर सुश्री बनर्जी ने सोनिया गांधी से भी माफी मांग ली।

बैठक में ममता बनर्जी के अलावा एनसीपी प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व यूपी के पर्व सीएम अखिलेश यादव, एमके स्टालीन व अन्य को बैठक में हिस्सा लेना है। यह बैठक सीएए के साथ अन्य मुद्दे पर केंद्र सरकार की घेराबंदी पर रणनीति को लेकर बुलाई गई है।

जानें, किसने क्या कहा

ममता बनर्जी को शायद ये समझ आ गया है कि वे मुख्यमंत्री है कोई विपक्ष की नेता नहीं हैं इसलिए उन्होंने अपना फैसला बदल लिया है।

-दिलीप घोष, बंगाल भाजपा अध्यक्ष

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ममता बनर्जी की बात से तृणमूल कांग्रेस का इरादा साफ हो चुका है वे असल में भाजपा को फॉलो करती हैं।

-सुजन चक्रवर्ती, नेता, वामो विधायक दल

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असल में ममता का सीएए व एनआरसी पर विरोध सिर्फ दिखावा है। इसीलिए वह विपक्षी दलों की बैठक में नहीं जा रही हैं।

-अब्दुल मन्नान, कांग्रेस विधायक व नेता प्रतिपक्ष

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