Violence in Bengal: मानवाधिकार आयोग की टीम ने बीरभूम में हिंसा पीड़ितों का जाना दर्द

एनएचआरसी द्वारा गठित जांच टीम के सदस्यों ने शनिवार को लगातार तीसरे दिन बंगाल में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। आयोग की टीम ने इस दिन बीरभूम जिले के बोलपुर लाभपुर व नानूर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों का दौरा कर हिंसा प्रभावित परिवारों का दुख दर्द जाना।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 26 Jun 2021 11:09 PM (IST) Updated:Sat, 26 Jun 2021 11:09 PM (IST)
Violence in Bengal: मानवाधिकार आयोग की टीम ने बीरभूम में हिंसा पीड़ितों का जाना दर्द
लगातार तीसरे दिन आयोग ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी)‌‌ द्वारा गठित जांच टीम के सदस्यों ने शनिवार को लगातार तीसरे दिन बंगाल में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। आयोग की टीम ने इस दिन बीरभूम जिले के बोलपुर, लाभपुर व नानूर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों का दौरा कर हिंसा प्रभावित परिवारों का दुख दर्द जाना।हिंसा पीड़ितों ने इस दौरान‌ टीम के समक्ष लिखित शिकायत भी की।

एक स्थानीय भाजपा नेता ने बताया कि मानवाधिकार आयोग के प्रतिनिधियों ने तीनों विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों पीड़ित परिवारों के घर जाकर उनका हालचाल जाना। परिवार के सदस्यों ने टीम को अपने ऊपर हुए अत्याचार के विषय में विस्तार से बताया। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान बेघर हुए लोगों और उन पर हुए अत्याचार को देख कर आयोग के सदस्य भी दंग रह गए। उन्होंने एक- एक चीज का बारीकी से निरीक्षण किया और पीड़ित परिवारों को न्याय का भी भरोसा दिया।

गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर गुरुवार को राज्य के दौरे पर पहुंचा मानवाधिकार आयोग का यह दल चुनाव बाद हुई हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहा है। आयोग की टीम ने इससे पहले उत्तर 24 परगना जिले के विभिन्न स्थानों का गुरुवार व शुक्रवार को दौरा किया था। टीम हिंसा के सभी मामलों की जांच कर रही है जिसके बारे में आयोग को पहले ही शिकायतें प्राप्त हुई थी।

गौरतलब है कि दो मई को राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर हिंसा की घटनाएं सामने आई थी। आरोप है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने हजारों भाजपा समर्थकों के घरों में तोड़फोड़ के साथ उसमें आगजनी की। किसके कारण हजारों भाजपा कार्यकर्ता जान बचाने के लिए घर छोड़कर भाग गए।

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