यहां मंदिर की सेवा करते हैं मुस्लिम

मंदिर की देखरेख मुख्य रूप से अजरुल शेख व सदक शेख के साथ अनंत हाजरा और असीम दास कर रहे हैं।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Tue, 23 Oct 2018 07:03 PM (IST) Updated:Tue, 23 Oct 2018 07:03 PM (IST)
यहां मंदिर की सेवा करते हैं मुस्लिम
यहां मंदिर की सेवा करते हैं मुस्लिम

जागरण न्यूज नेटवर्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ वर्षों में सांप्रदायिक तनाव व संघर्ष भी हुए, लेकिन इसी पश्चिम बंगाल का एक गांव आपसी भाईचारा, सौहार्द व सद्भाव की मिसाल है। वह भी बांग्लादेश की सीमा से सटे मुर्शिदाबाद जिले में जहां मुस्लिम आबादी 75 फीसद है। इस जिले के गांव भट्टाबटी में पिछले 300 वर्षों से भी ज्यादा समय से गांव के मुस्लिम एक मंदिर की देखरेख कर रहे हैं। वे न सिर्फ शिव मंदिर में दैनिक व्यवस्था देख रहे हैं, बल्कि अलग-अलग त्योहारों और मंदिर के नवीनीकरण के लिए चंदा भी एकत्रित करते हैं।

इस गांव में कहीं भी धर्म की दीवारें देखने को नहीं मिलेंगी। यहां टेराकोटा शिव मंदिर में भगवान शिव रतनेश्वर के रूप में पूजे जाते हैं। यहां जब दान के लिए पर्चे छापे जाते हैं तो उस पर अनंत हाजरा और असीम दास जैसे हिंदू भक्तों के साथ नूर सलीम और अजरुल के नाम भी देखने को मिलते हैं। मंदिर की देखरेख मुख्य रूप से अजरुल शेख व सदक शेख के साथ अनंत हाजरा और असीम दास कर रहे हैं। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि मंदिर का निर्माण किसने कराया था, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि द्वितीय कनूनगो जयनारायण के परिवार के किसी सदस्य ने इस मंदिर को बनवाया था।

मंदिर की हालत फिलहाल ठीक नहीं

काफी पुराना होने की वजह से मंदिर की हालत फिलहाल ठीक नहीं है। मंदिर का असली शिवलिंग जिसकी ऊंचाई करीब पांच फीट थी, वह एक बार चोरी हो गया था। बाद में इसे नवग्राम पुलिस ने ढूंढ निकाला था। सुरक्षा कारणों की वजह से मंदिर का शिवलिंग अब पुलिस की कस्टडी में ही है। मंदिर कमिटी के अकाउंट कीपर अनंत हाजरा कहते हैं कि हम बहुत गरीब हैं। कई हिंदू परिवारों ने गांव छोड़ दिया है। बिना मुस्लिम परिवारों की मदद से इस मंदिर में पूजा-पाठ और दूसरे कामों का होना संभव नहीं था।

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