ताकत वतन की हमसे है, हिम्मत वतन की हमसे है... सेना की स्वर्णिम शौर्य गाथा सुन मंत्रमुग्ध हुए कोलकातावासी

अद्भुत-50वें विजय दिवस पर स्वर्णिम विजय गाथा की कोलकाता में दिखी स्वर्णिम झलक। कोलकाता के विक्टोरिया में अद्भुत कार्यक्रम ने महानगर के लोगों को किया मंत्रमुग्ध। हजारों लोग बने इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित। भारत के लिए ऐतिहासिक है विजय दिवस।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 18 Dec 2021 11:50 PM (IST) Updated:Sat, 18 Dec 2021 11:50 PM (IST)
ताकत वतन की हमसे है, हिम्मत वतन की हमसे है... सेना की स्वर्णिम शौर्य गाथा सुन मंत्रमुग्ध हुए कोलकातावासी
50वें विजय दिवस की संध्या पर गुरुवार को कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल का अद्भुत नजारा। स्त्रोत :: जागरण

 राजीव कुमार झा, कोलकाता : पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में भारत को मिली ऐतिहासिक जीत की स्वर्ण जयंती यानी 50वें विजय दिवस के उपलक्ष्य में पूर्वी सेना कमान की ओर से कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में यादगार स्वर्णिम विजय गाथा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें अद्भुत लाइट एंड साउंड शो, मिलिट्री बैंड कंसर्ट व म्यूजिक शो के जरिए 1971 के युद्ध में ऐतिहासिक विजय के नायक रहे भारतीय सशस्त्र बलों और बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं के शौर्य व बलिदान याद किया गया, जिन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों के दांत खट्टे कर दिए थे।

मिलिट्री बैंड कंसर्ट के दौरान पारंपरिक सैन्य बैंड के धुनों को प्रदर्शित किया

इस कार्यक्रम में जाने-माने गीतकार गुलजार, प्रसिद्ध गायक सोनू निगम, कविता कृष्णमूर्ति सरीखे कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से समां बांध दिया। इस खास कार्यक्रम के लिए सेना की ओर से हिंदी, बांग्ला और अंग्रेजी में तीन डाक्यूमेंट्री तैयार की गई थी, जिसमें 1971 के युद्ध में भारतीय सैनिकों की बहादुरी व इससे जुड़ी यादगार गाथाओं को विक्टोरिया मेमोरियल की भव्यता के बीच अद्भुत लेजर लाइट शो के जरिए शानदार तरीके से दर्शाया गया। रंग-बिरंगी रोशनी के बीच यहां सेना की बैंड टुकड़ी ने मिलिट्री बैंड कंसर्ट के दौरान पारंपरिक सैन्य बैंड के धुनों को प्रदर्शित कर देशभक्ति से ओत-पोत कर दिया।

कार्यक्रमों ने सिटी आफ ज्वाय यानी कोलकाता के लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया

बैंड टुकड़ी ने जब सेना की शौर्य गाथा पर आधारित देशभक्ति गीत- ताकत वतन की हमसे है, हिम्मत वतन की हमसे है, इज्जत वतन की हमसे है... इंसान के हम रखवाले। पहरेदार हिमालय के हम झोंके हैं तूफान के, सुनकर गरज हमारे सीने फट जाते चट्टान के..., सीना है फौलाद का अपना फूलों जैसा दिल है, तन में विंध्याचल का बल है मन में ताजमहल है..., ताकत वतन की हमसे है, हिम्मत वतन की हमसे है... प्रस्तुत किया तो तालियों की गडग़ड़ाहट से पूरा विक्टोरिया मेमोरियल गूंज उठा। इस मौके पर सेना द्वारा प्रस्तुत एक से बढ़कर एक कार्यक्रमों ने सिटी आफ ज्वाय यानी कोलकाता के लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

हजारों लोग बने इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह, शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित

हजारों लोग इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बने। इस मौके पर पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बक्सी समेत 1971 की लड़ाई के कई योद्धा, तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। इसके पहले 50वें विजय दिवस पर सुबह सबसे पहले यहां सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय, फोर्ट विलियम स्थित विजय स्मारक पर 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।

कर्नल जेके सिंह की शौर्यपूरित आवाज ने कोलकाता वासियों का जीता दिल

वहीं, इस स्वर्णिम विजय गाथा कार्यक्रम में 1971 के युद्ध से जुड़ी जो डाक्यूमेंट्री पेश की गई और योद्धाओं के शौर्य का जो बखान किया गया उसकी आवाज जाने-माने उद्घोषक कर्नल (रिटायर्ड) जेके सिंह ने दिया था, उसे कोलकाता के लोगों ने खूब सराहा। काल से भी कड़क और अग्नि से भी उग्र जेके सिंह की शौर्यपूरित आवाज (मर्म भी गर्म भी) पर खूब तालियां बजीं और उन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों के दांत खट्टे करने वाले वीर योद्धाओं के शौर्य गाथा का शानदार तरीके से बखान कर समां बांध दिया। बता दें कि भारतीय सेना में स्पेशल पैरा कमांडो रहे और धनबाद के रहने वाले कर्नल जेके सिंह हर साल गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के राजपथ पर होने वाले परेड की भी लाइव कमेंट्री करते रहे हैं। वह सेना के प्रमुख कार्यक्रमों का भी संचालन करते रहे हैं।

अग्निपथ की पंक्तियां सुनकर अमिताभ बच्चन भी हुए कर्नल जेके सिंह के मुरीद

बताते चलें कि अभी हाल में हेलीकाप्टर हादसे में शहीद हुए देश के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की अंतिम यात्रा के दौरान कर्नल जेके सिंह ने महान साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन की मशहूर कविता अग्निपथ की शानदार पंक्तियों के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी। कर्नल की शौर्यपूरित आवाज में अपने बाबूजी की कविता अग्निपथ की पंक्तियां सुनकर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी कर्नल के मुरीद हो गए। दो दिन पहले बिग बी ने ट्वीट कर इसके लिए कर्नल जेके सिंह की जमकर प्रशंसा की है। देशभर से इसके लिए कर्नल की तारीफ हो रही है।

भारत के लिए ऐतिहासिक है विजय दिवस, बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था पाक

उल्लेखनीय है कि विजय दिवस भारत के लिए काफी गौरवशाली व ऐतिहासिक घटना है, क्योंकि यह एक सैन्य कार्रवाई द्वारा समर्थित लोगों की आकांक्षाओं का उत्कृष्ट उदाहरण था जिसके परिणामस्वरूप एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म हुआ था। 1971 में 13 दिनों तक चले युद्ध के बाद 16 दिसंबर के ही दिन भारत को ऐतिहासिक जीत मिली थी, जब 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना और बांग्लादेशी मुक्ति योद्धाओं के समक्ष बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था। इसी युद्ध के बाद पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया और बांग्लादेश के रूप में एक नए राष्ट्र का उदय हुआ था। भारतीय सेना इसकी याद में हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाती है। बता दें कि पूर्वी सेना कमान के नेतृत्व में ही 1971 का युद्ध लड़ा गया था।

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