West Bengal Municipal Elections 2020: तृणमूल के 'दीदी के बोलो' के बाद भाजपा शुरू करेगी 'बीजेपी के बोलो' कैंपेन

West Bengal Municipal Elections 2020 अप्रैल-मई में राज्य के 107 नगरपालिकाओं और कोलकाता व हावड़ा नगर निगमों का चुनाव होना।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 17 Feb 2020 05:39 PM (IST) Updated:Mon, 17 Feb 2020 05:39 PM (IST)
West Bengal Municipal Elections 2020: तृणमूल के 'दीदी के बोलो' के बाद भाजपा शुरू करेगी 'बीजेपी के बोलो' कैंपेन
West Bengal Municipal Elections 2020: तृणमूल के 'दीदी के बोलो' के बाद भाजपा शुरू करेगी 'बीजेपी के बोलो' कैंपेन

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal Municipal Elections 2020: जनता से सीधे जुड़ने के लिए तृणमूल कांग्रेस के 'दीदी के बोलो' कैंपेन की तर्ज पर बंगाल भाजपा इकाई राज्य में आगामी नगरपालिकाओं के चुनाव से पहले 'बीजेपी के बोलो' कैंपेन शुरू करने की तैयारी में है। भाजपा नेताओं ने हालांकि इस बात से इन्कार किया है कि यह कैंपेन तृणमूल के कैंपेन को मात देने के लिए है और उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य तृणमूल द्वारा संचालित नागरिक निकायों के खिलाफ लोगों की शिकायतों के बारे में जानना और उनकी मांगों व जरूरतों को समझना है।

भाजपा नेताओं ने आगामी कुछ दिनों में इस कैंपेन के शुरू होने से भी इन्कार किया है। हालांकि यह जरूर कहा कि इसको शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। दरअसल, इस वर्ष अप्रैल-मई में राज्य के 107 नगरपालिकाओं और कोलकाता व हावड़ा नगर निगमों का चुनाव होना है, जिसे 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मिनी विधानसभा चुनाव के रूप में देखा जा रहा है। प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बीजेपी के बोलो कैंपेन के तहत एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाएगा, जिसमें लोग अपनी शिकायतें कॉल कर दर्ज करा सकेंगे। उनके अनुसार, अगर भाजपा को निकाय चुनावों में जीत मिलती है तो वह जनता की इन समस्याओं को हल करने का प्रयास करेगी।

उन्होंने बताया कि पहले एक पायलट परियोजना शुरू की जाएगी, जिसमें केवल 107 नगरपालिकाओं में भाजपा कार्यकर्ताओं को जनता की प्रतिक्रिया दर्ज करने के लिए कहा जाएगा। बाद में लोगों के लिए एक राज्यव्यापी टोल फ्री नंबर लांच किया जाएगा। भाजपा नेता ने कहा कि इस पहल से लोगों के साथ पार्टी का सीधा जुड़ाव बढ़ेगा और पालिका चुनावों में मुद्दों की पहचान करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि बीजेपी के बोलो कैंपेन राज्य में लोगों से जुड़ने का पार्टी का दूसरा बड़ा कैंपेन होगा। इससे पहले प्रदेश भाजपा ने 'चा चक्र दिलीपदार संगे' यानी दिलीप दा के साथ चाय पर चर्चा लांच किया था, जिसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया था और आम लोगों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी। भाजपा नेता ने कहा कि इस पहले से लोगों से बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी।

इधर, भाजपा के इस प्रस्तावित कैंपेन पर तृणमूल महासचिव व राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने आरोप लगाया कि भगवा पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कैंपेन की नकल करने की कोशिश कर रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि इससे भाजपा को कोई लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि उनके पास बंगाल में ममता बनर्जी जैसे बड़े नेता नहीं हैं। पार्थ ने दो टूक कहा कि अगर भाजपा नकल करना चाहती है तो करें, हम इम इससे परेशान नहीं हैं।

गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से भाजपा के 18 सीटें जीतने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों को खुद से जोड़ने के लिए पिछले साल जुलाई में 'दीदी के बोलो' यानी दीदी से बात करो कैंपेन शुरू किया था। इसके तहत एक मोबाइल नंबर जारी किया गया, जिसमें लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। इस कैंपेन के जरिए तृणमूल की हर घर तक पहुंचने की कोशिश थी। दरअसल, दीदी के बोलो कैंपेन चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के दिमाग की उपज थी।

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