गैरकानूनी पटाखा कारखानों पर रोक के लिए हर जिले में क्लस्टर बनाएगी सरकार

-जिलों में क्लस्टर के जरिए पटाखा बनाने वालों को दिया जाएगा प्रशिक्षण व अनुमति पत्र -नेशनल ग्रीन ट्

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jun 2018 09:58 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jun 2018 09:58 PM (IST)
गैरकानूनी पटाखा कारखानों पर रोक के लिए हर जिले में क्लस्टर बनाएगी सरकार
गैरकानूनी पटाखा कारखानों पर रोक के लिए हर जिले में क्लस्टर बनाएगी सरकार

-जिलों में क्लस्टर के जरिए पटाखा बनाने वालों को दिया जाएगा प्रशिक्षण व अनुमति पत्र

-नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में राज्य एमएसएमई के प्रधान सचिव ने दी जानकारी

जागरण संवाददाता, कोलकाता : राज्य के विभिन्न जिलों में गैरकानूनी पटाखा कारखानों पर रोक के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने विशेष पहल की है। अब हरेक जिले में एक विशेष क्लस्टर तैयार किया जाएगा जिसके जरिए पटाखा तैयार करने वालों को विशेष प्रशिक्षण व आवश्यक अनुमति पत्र भी प्रदान किया जाएगा। क्लस्टर ऐसे केंद्र हैं जहां सरकारी तौर पर किसी भी विषय के बारे में प्रशिक्षण व नफा नुकसान की विस्तृत जानकारी देकर दक्ष बनाया जाता है। राज्य के सूक्ष्म, मध्यम व लघु उद्योग विभाग के प्रधान सचिव ने इस बारे में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में हलफनामा देकर यह जानकारी दी है। दरअसल कई जिलों में गैरकानूनी पटाखा कारखाने में विस्फोट के बाद कई लोगों की जान गई है। साथ ही पर्यावरण को भी खासा नुकसान पहुंचा है। इसे लेकर ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका दाखिल की गई थी। इसी के जवाब में राज्य सरकार ने हलफनामा दिया है।

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पहले पांच जिलों में बनेगा क्लस्टर

-इसमें बताया गया है कि पटाखा तैयार करने वालों को प्रोत्साहित करने वे गैरकानूनी तरीके से तैयारी पर रोक के लिए यह पहल की गई है। इसका थीम है- गैरकानूनी नहीं, प्रशिक्षण व अनुमति के साथ तैयार करिए पटाखे। बताया गया है कि सबसे पहले दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, हुगली, ब‌र्द्धमान और मुर्शिदाबाद जिले में ये क्लस्टर बनाए जाएंगे। इन जिलों में गैरकानूनी पटाखा कारखाने का भरमार रहा है। यहां सफलता मिलने के बाद अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा। प्राथमिक तौर पर दक्षिण 24 परगना जिले में इसके लिए जमीन भी चिह्नित कर ली गई है। ज्ञात हो कि राज्य में करीब 25-30 हजार पटाखा कारखाने हैं जिनमें से केवल 7 हजार कारखाने ही राज्य सरकार से वैध अनुमति लेकर पटाखे बना रहे हैं। बाकी सारे गैर कानूनी है। अधिक पैसा कमाने के लिए तय मानक से ज्यादा आवाज व विस्फोट क्षमता वाले पटाखे यहां बनाए जाते हैं। थोड़ी से लापरवाही की वजह से इन कारखानों में भयंकर विस्फोट हो जाते हैं और जान-माल को भारी नुकसान पहुंचता है। जिलों में क्लस्टर तैयार कर ऐसे लोगों को कानूनी प्रक्रिया में लाने की पहल के सफल होने की उम्मीद की जा रही है।

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