Bengal Chunav: हाईकोर्ट में टीएमसी के एक उम्मीदवार की पत्‍‌नी ने हीं की पति के नामांकन रद करने की मांग

तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार पार्थ प्रतीम दास के नामांकन को रद करने की मांग करते हुए उनकी पत्‍‌नी लिपिका दास ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ता की वकील का कहना है कि खेजुरी विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करते समय कई तथ्यों को छिपाया गया है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Fri, 26 Mar 2021 09:33 AM (IST) Updated:Fri, 26 Mar 2021 03:54 PM (IST)
Bengal Chunav: हाईकोर्ट में टीएमसी के एक उम्मीदवार की पत्‍‌नी ने हीं की पति के नामांकन रद करने की मांग
तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार पार्थ प्रतीम दास के नामांकन रद करने की मांग ।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल विधानसभा चुनाव में अजीबो-गरीब मामले भी देखने को मिल रहे हैं। जहां हर उम्मीदवार अपने विरोधियों के नामांकन को रद कराने की फिराक में रहता है। लेकिन, पूर्व मेदिनीपुर के खेजुरी विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद करने के लिए उनकी पत्‍‌नी ने ही हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

याचिकाकर्ता पत्नी का पति पर कई आरोप

तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार पार्थ प्रतीम दास के नामांकन को रद करने की मांग करते हुए उनकी पत्‍‌नी लिपिका दास ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिकाकर्ता लिपिका दास की वकील मधु जाना का कहना है कि खेजुरी विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करते समय कई तथ्यों को छिपाया गया है। उनका आरोप है कि पार्थ प्रतीम दास और उनके मुवक्किल लिपिका दास के बीच तलाक का मामला चल रहा है। दोनों लंबे अरसे से एक-दूसरे से अलग रहते हैं। उनका एक पुत्र भी है और इसी बीच पार्थ प्रतीम दास ने दूसरी शादी भी कर ली है। इसकी जानकारी पार्थ प्रतीम दास ने अपने नामांकन पत्र में नहीं दी है।

आयोग से नाकामी के बाद हाईकोर्ट में याचिका

लिपिका दास के मुताबिक पार्थ प्रतीम दास ने आश्रितों के बारे में भी कुछ नहीं बताया है। सिर्फ यही नहीं, लिपिका दास ने पार्थ प्रतीम दास पर संपत्ति छिपाने का भी आरोप लगाया है। पार्थ प्रतीम के पास एक बाइक है, जिसकी जानकारी उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में नहीं दी है। लिपिका दास की वकील मधु जाना ने बताया कि इसे लेकर उन्होंने 20 मार्च को चुनाव आयोग के समक्ष भी शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन, आयोग ने कार्रवाई नहीं की। इसके बाद उन्होंने पार्थ प्रतीम दास का नामांकन रद करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

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