Jagdeep Dhankar: ममता सरकार की आपत्ति दरकिनार, राज्यपाल को अ‌र्द्धसैनिक बल की सुरक्षा

Jagdeep Dhankar. राजभवन के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ को सीआरपीएफ द्वारा जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Tue, 12 Nov 2019 07:33 PM (IST) Updated:Tue, 12 Nov 2019 07:33 PM (IST)
Jagdeep Dhankar: ममता सरकार की आपत्ति दरकिनार, राज्यपाल को अ‌र्द्धसैनिक बल की सुरक्षा
Jagdeep Dhankar: ममता सरकार की आपत्ति दरकिनार, राज्यपाल को अ‌र्द्धसैनिक बल की सुरक्षा

जागरण संवाददाता, कोलकाता। Jagdeep Dhankar. बंगाल में ममता बनर्जी सरकार की आपत्ति को दरकिनार कर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अ‌र्द्धसैनिक बल की सुरक्षा प्रदान कर दी गई है। सुरक्षा का कार्यभार सीआरपीएफ के जवानों ने मंगलवार से संभाल लिया है। इससे पहले 15 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से निर्देश जारी कर कहा गया था कि राज्यपाल की देशभर में कहीं भी सुरक्षा में सीआरपीएफ जवानों की तैनाती होगी। इस पर राज्य सचिवालय नवान्न की ओर से आपत्ति जाहिर करते हुए गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिख कर निर्देश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया था।

राजभवन के सूत्रों ने बताया कि धनखड़ को सीआरपीएफ द्वारा जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। बंगाल पुलिस के साथ आगे से राज्यपाल के काफिले के साथ सभी जगह छह सीआरपीएफ जवान तैनात रहेंगे। इसके अलावा राजभवन में राज्यपाल निवास व कार्यालय के बाहर भी 24 घंटे सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती रहेगी। मंगलवार को राज्यपाल अपने नए सुरक्षा कवच के साथ साल्ट स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे।

गौरतलब है कि दो महीने पहले जादवपुर विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को वामपंथी समर्थक उग्र छात्रों ने घेर लिया था। बाद में उन्हें लाने के लिए राज्यपाल को पहुंचना पड़ा था और इस दौरान छात्रों ने राज्यपाल के सरकारी वाहन को भी रोक दिया था। इसकी शिकायत भाजपा की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी की गई थी।

मामले ने जब तूल पकड़ा तो राज्य सरकार की ओर से गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिख कर कहा गया था कि यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह राज्य के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल की सुरक्षा का पूरा खयाल रखे। राज्य प्रशासन ने यह भी कहा कि धनखड़ के शपथ लेने के बाद तत्काल प्रभाव से उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। फिर अचानक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हमसे सलाह किए बिना राज्यपाल की सुरक्षा सीआरपीएफ को सौंपने का निर्णय क्यों किया? राज्य की ओर से गृह मंत्रालय को निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा गया था।

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