कहां गए लैपटॉप, लाल डायरी और मोबाइल

-एसआइटी ने गिरफ्तारी के बाद जब्त किए थे उक्त तीनों सामान -सीबीआइ को नहीं सौंपे गए तीनों

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Jul 2019 06:14 PM (IST) Updated:Sat, 13 Jul 2019 06:43 AM (IST)
कहां गए लैपटॉप, लाल डायरी और मोबाइल
कहां गए लैपटॉप, लाल डायरी और मोबाइल

-एसआइटी ने गिरफ्तारी के बाद जब्त किए थे उक्त तीनों सामान

-सीबीआइ को नहीं सौंपे गए तीनों सबूत, एसआइटी का लैपटॉप व लाल डायरी से इंकार

जागरण संवाददाता, कोलकाता : कोर्ट के निर्देश पर गत पांच वर्षो से चल रही अरबों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले की जांच में अभी तक सीबीआइ के हाथ उक्त कंपनी के मालिकों द्वारा इस्तेमाल किए गए लैपटॉप, मोबाइल फोन व लाल डायरी नहीं लगी है। उधर, सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन की सहयोगी देवयानी ने गिरफ्तारी के बाद लाल डायरी, लैपटॉप और मोबाइल फोन एसआइटी द्वारा जब्त किए जाने का दावा किया है। हालांकि एसआइटी में शामिल रहे जांच अधिकारियों ने उक्त सामानों को अपने पास होने से इंकार किया है। सूत्रों के अनुसार सारधा चिटफंड समूह के आर्थिक लेनदेन से संबंधित ब्यौरा एक लैपटॉप में रखा जाता था। उस लैपटॉप को संभालने की जिम्मेदारी सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन की सहयोगी देवयानी मुखर्जी की थी। इसके अलावा देवयानी के दो मोबाइल फोन थे जिन पर उन बड़े नेताओं के फोन आते थे जो कथित तौर पर इस चिटफंड घोटाले से लाभान्वित हुए थे। इसमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं के शामिल होने का भी दावा किया गया था।

सारधा गु्रप का बैंक से होने वाला आर्थिक लेनदेन पूरी तरह से देवयानी देखती थी और उसका रिकॉर्ड लैपटॉप में रखने के साथ ही वह डायरी में भी पूरा ब्यौरा लिखती थी। इसी बीच सारधा चिटफंड के खिलाफ जांच होने की भनक लगते ही मालिक समेत सभी अधिकारी सतर्क हो गए थे। इसके बाद कथित तौर पर सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन, देवयानी और अन्य अधिकारियों के साथ सत्ताधारी तृणमूल नेताओं की बैठक हुई थी और 9 अप्रैल 2013 को सुदीप्त सेन और देवयानी फरार हो गए थे। तब सुदीप्त के निर्देश पर ही देवयानी वह लेपटॉप, लाल डायरी और अपने दोनों मोबाइल लेकर गई थी। लेकिन कुछ दिनों बाद ही कश्मीर के सोनमार्ग से पश्चिम बंगाल एसआइटी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। उस वक्त एसआइटी प्रमुख विधाननगर के तत्कालीन पुलिस आयुक्त आइपीएस राजीव कुमार थे। एसआइटी ने उक्त गिरफ्तारी के बाद उनके पास से लैपटॉप, डायरी और मोबाइल फोन भी बरामद किए थे। 2014 में कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ ने चिटफंड घोटाले की जांच शुरू की थी लेकिन पांच वर्ष बीतने के बाद भी पुलिस ने उक्त लाल डायरी, लैपटॉप और देवयानी का दोनों मोबाइल नहीं सौंपे, जो काफी महत्वपूर्ण सबूत माने जा रहे हैं। उक्त सबूतों के लिए सीबीआइ एसआइटी के मुखिया रहे आइपीएस राजीव कुमार समेत अन्य जांच अधिकारियों से पूछताछ भी कर चुकी है। लेकिन सभी ने उक्त सबूतों के बाबत कुछ भी जानकारी होने से इंकार कर दिया था। उधर, सीबीआइ द्वारा प्रेसिडेंसी जेल में देवयानी मुखर्जी से मैराथन पूछताछ में उसने लाल डायरी, मोबाइल और लैपटॉप को एसआइटी द्वारा जब्त किए जाने की जानकारी दी है। अब सीबीआइ जेल में ही जाकर सुदीप्त सेन से भी पूछताछ करने की तैयारी कर रही है ताकि दोनों का बयान रिकॉर्ड कर एसआइटी के जांच अधिकारियों को घेरा जा सके। आरोप है कि दक्षिण 24 परगना जिले के विष्णुपुर स्थित सारधा गार्डन और साल्टलेक मिडलैंड पार्क स्थित कार्यालय में भी तलाशी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए थे जिसमें घोटाले में शामिल लोगों की सूची थी लेकिन एसआइटी ने उसे भी गायब कर दिया है।

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