प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए बंगाल ने नहीं भेजा एक भी नाम

केंद्र की मोदी सरकार के हरेक फैसले का पुरजोर विरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से भी पूरी तरह किनारा कर लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Mar 2019 11:00 AM (IST) Updated:Sat, 09 Mar 2019 11:00 AM (IST)
प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए बंगाल ने नहीं भेजा एक भी नाम
प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए बंगाल ने नहीं भेजा एक भी नाम

जेएनएन, कोलकाता : केंद्र की मोदी सरकार के हरेक फैसले का पुरजोर विरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से भी पूरी तरह किनारा कर लिया है। एक तरफ जहां इस योजना के शुरू होने के 11 दिनों के भीतर केंद्र सरकार देशभर में दो करोड़ से अधिक लघु और सीमांत किसानों के खाते में 2,000 रुपये की पहली किस्त भेज चुकी है, वहीं ममता की सियासी लड़ाई के चक्कर में बंगाल के किसान इस योजना के लाभ से अब तक वंचित हैं। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दावा किया है कि बंगाल सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 2,000 रुपये की पहली किस्त के हस्तांतरण के लिए अब तक एक भी किसान का नाम केंद्र को नहीं भेजा है, जिसके कारण केंद्र सरकार बंगाल के किसानों को पहली किस्त नहीं भेज पा रही है। इसका नतीजा है कि राज्य के एक भी किसान को इस योजना का लाभ नहीं मिला है। जेटली ने ट्वीट कर कहा कि पश्चिम बंगाल के अलावा कांग्रेस शासित राज्य भी सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि सियासी लड़ाई के चक्कर में बंगाल व कुछ कांग्रेस शासित राज्य केंद्र के साथ सहयोग नहीं कर अपने किसानों को क्यों छोड़ रहे हैं?

उन्होंने आगे कहा कि तृणमूल शासित पश्चिम बंगाल द्वारा केंद्र को भेजे गए नाम की संख्या शून्य थी जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने मात्र 298 किसानों के नाम ही भेजे।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 1 फरवरी को पेश 2019-20 के अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत देश के उन 12 करोड़ छोटे और सीमात किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये तीन किश्तों में दिए जाएंगे, जिनके पास केवल दो हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि है।

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