कोलकाता में कोरोना के मरीजों के इलाज में कारगर साबित हो रही 'प्लाज्मा थेरेपी'

महानगर में पिछले दो महीने से चल रहा है प्लाजमा थेरेपी का क्लिनिकल ट्रायल कोलकाता में प्लाज्मा दान करने वालों की तादाद भी तेजी से बढ़ रही

By Preeti jhaEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 01:06 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 01:06 PM (IST)
कोलकाता में कोरोना के मरीजों के इलाज में कारगर साबित हो रही 'प्लाज्मा थेरेपी'
कोलकाता में कोरोना के मरीजों के इलाज में कारगर साबित हो रही 'प्लाज्मा थेरेपी'

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। 'सिटी ऑफ ज्वाय' चिकित्सा के क्षेत्र में एक और मिसाल कायम कर रहा है। कोलकाता में कोरोना के मरीजों के इलाज में 'प्लाज्मा थेरेपी' कारगर साबित हो रही है। महानगर में अब तक कोरोना के जितने मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग किया गया है, उनमें से ज्यादातर मामलों में अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं। बेलियाघाटा आइडी अस्पताल में इस समय प्रयोगात्मक तौर पर प्लाज्मा थेरेपी चल रही है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना को मात देने वाले लोगों के खून से प्लाज्मा संग्रह किया जाता है। इस प्लाज्मा में कोरोना को नियंत्रित करने वाले उपयोगी एंटीबॉडी होते हैं।कोलकाता में पिछले दो महीने से प्लाजमा थेरेपी का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। इसे लेकर अनुसंधानकर्ताओं ने जो प्राथमिक रिपोर्ट तैयार की है, उसमें अच्छी सफलता मिलने का जिक्र किया गया है। इस रिपोर्ट को काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआइआर) और राज्य के स्वास्थ्य विभाग के पास जमा किया गया है।

मुख्य अनुसंधानकर्ता व इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ केमिकल बायोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर दीप्यमान गंगोपाध्याय ने बताया-' अब तक 10 मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल किया गया है, जिसके अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं हालांकि अभी अंतिम तौर पर कुछ कह पाना सही नहीं होगा।'

प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिन मरीजों पर प्लाजमा थेरेपी का इस्तेमाल किया गया है, उनमें अब तक कोई नकारात्मक असर देखने को नहीं मिला है। उनके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ गई है और उनकी वेंटीलेशन की जरूरत भी कोरोना के अन्य मरीजों की तुलना में कम रही है।गंगोपाध्याय के मुताबिक '30 से ज्यादा मरीजों के क्लीनिकल ट्रायल की परिकल्पना है।

दूसरी तरफ कोलकाता में प्लाज्मा दान करने वालों की तादाद भी बढ़ रही है। गंगोपाध्याय ने कहा-' दो महीने पहले तक ऐसी स्थिति थी कि प्लाज्मा दान करने वाले नहीं मिल रहे थे लेकिन कोरोना को हराने वाले बहुत से लोग अब आगे आ रहे हैं। यह बहुत अच्छा संकेत है। 

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