पेगासस मामला : बंगाल सरकार के जांच आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका, 17 दिसंबर को होगी

सुप्रीम कोर्ट में सीजेआइ एनवी रमना जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट के कमेटी गठित करने के आदेश के बाद जस्टिस लोकुर कमेटी ने जांच जारी रखी है। इस संबंध में आयोग ने कुछ लोगों को नोटिस भी भेजा है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 16 Dec 2021 11:42 PM (IST) Updated:Thu, 16 Dec 2021 11:42 PM (IST)
पेगासस मामला : बंगाल सरकार के जांच आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका, 17 दिसंबर को होगी
इस मामले में एनजीओ ग्लोबल विलेज फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल सरकार के जस्टिस लोकुर आयोग द्वारा पेगासस मामले की जांच जारी रखने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में सीजेआइ एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता ने कहा है कि राज्य सरकार के जस्टिस लोकुर आयोग ने कोर्ट के आदेशों के बावजूद जांच जारी रखी है। सीजेआइ एनवी रमना ने कहा था कि बंगाल सरकार ने कहा था कि वो आगे नहीं बढ़ेंगे।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले की जांच के लिए 27 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस आरवी रविंद्रन की अध्यक्षता में जांच के आदेश जारी किए थे। हालांकि, सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार ने भरोसा दिलाया था कि वो जांच में आगे नहीं बढ़ेंगे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के कमेटी गठित करने के आदेश के बाद जस्टिस लोकुर कमेटी ने जांच जारी रखी है। इस संबंध में आयोग ने कुछ लोगों को नोटिस भी भेजा है। इसी के खिलाफ एनजीओ ग्लोबल विलेज फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई करने की मांग की है।

दरअसल, पेगासस जासूसी आरोपों की जांच के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जांच आयोग के गठन को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले को पेगासस मामले की एसआइटी जांच वाली याचिकाओं के साथ टैग किया था। 25 अगस्त को बंगाल सरकार ने अदालत को भरोसा दिलाया था कि सुप्रीम कोर्ट में मामले के लंबित रहने तक न्यायिक आयोग जांच शुरू नहीं करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को पेगासस जासूसी आरोपों की जांच के लिए बंगाल सरकार द्वारा जांच आयोग के गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और बंगाल सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। सुनवाई में सीजेआइ एनवी रमना की बेंच ने याचिका पर केंद्र और बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया था। इस मामले में एनजीओ ग्लोबल विलेज फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि जब सुप्रीम कोर्ट खुद इस मामले की सुनवाई कर रहा है तो आयोग का गठन क्यों किया गया?

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