कोलकाता व हावड़ा नगर निगम के चुनावों के लिए 30 नवंबर को जारी हो सकती है अधिसूचना, कलकत्ता हाई कोर्ट में सुनवाई टली

बंगाल के नगर निकाय चुनाव से जुड़े मामले पर कलकत्ता हाई कोर्ट में बुधवार को होने वाली सुनवाई टल गई है। इसपर अब 29 नवंबर को सुनवाई की संभावना है। राज्य चुनाव आयोग कोलकाता व हावड़ा नगर निगम के चुनावों के लिए अधिसूचना जारी कर सकता है

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 06:35 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 11:37 PM (IST)
कोलकाता व हावड़ा नगर निगम के चुनावों के लिए 30 नवंबर को जारी हो सकती है अधिसूचना, कलकत्ता हाई कोर्ट में सुनवाई टली
कलकत्ता हाई कोर्ट में नगर निकाय चुनाव से जुड़े मामले पर सुनवाई टली

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के नगर निकाय चुनाव से जुड़े मामले पर कलकत्ता हाई कोर्ट में बुधवार को होने वाली सुनवाई टल गई है। इसपर अब 29 नवंबर को सुनवाई की संभावना है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव व न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ में बुधवार को होने वाली सुनवाई पर सबकी निगाहें टिकी थीं लेकिन सुनवाई नहीं हुई। कानून विशेषज्ञों के एक वर्ग का कहना है कि इस मामले के अदालत में विचाराधीन होने पर भी राज्य चुनाव आयोग कोलकाता व हावड़ा नगर निगम के चुनावों के लिए अधिसूचना जारी कर सकता है क्योंकि अदालत की तरफ से अब तक इस बाबत कोई निषेधाज्ञा जारी नहीं की गई है। मामलाकारियों की तरफ से भी नगर निकाय चुनाव स्थगित कराने को लेकर कोई याचिका दायर नहीं की गई है। इस बीच खबर है कि राज्य चुनाव आयोग 30 नवंबर को इन दोनों नगर निगमों के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर सकता है।

गौरतलब है कि बंगाल सरकार पहले कोलकाता व हावड़ा नगर निगम का चुनाव कराना चाहती है जबकि भाजपा का कहना है कि जिन नगर निकायों के चुनाव होने बाकी हैं, उन सभी जगहों पर एक साथ चुनाव कराया जाना चाहिए। इसे लेकर भाजपा नेता प्रताप बनर्जी की तरफ से हाई कोर्ट में मामला किया गया है।

राज्यपाल ने हावड़ा नगर निगम संशोधन विधेयक को लेकर राज्य सरकार से मांगे तथ्य

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने हावड़ा नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 को लेकर राज्य सरकार से तथ्य मांगे हैं। उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। राज्यपाल ने बाली क्षेत्र को हावड़ा नगर निगम के दायरे से अलग करने को लेकर जो भी आपत्तियां रही थीं, उनके बारे में जानना चाहा है। गौरतलब है कि हावड़ा नगर निगम के चुनाव को लेकर जटिलता बढ़ती जा रही है। विधेयक भले पारित हो गया हो लेकिन राज्यपाल ने अब तक इसपर दस्तखत नहीं किए हैं। उनके दस्तखत करने पर ही यह कानून में तब्दील होगा।

नगर निकाय चुनाव के लिए निजी बसें किराए पर देने को तैयार नहीं मालिक संगठन

निजी बस मालिक संगठन नगर निकाय चुनाव के लिए अपनी बसें किराए पर देने को तैयार नहीं हैं। उनका साफ तौर पर कहना है कि पिछले बकाये का भुगतान होने पर ही वे बसें किराए पर देंगे। सबअर्बन बस सर्विसेज की तरफ से टिटो साहा ने कहा-'अभी तक हमें पिछले विधानसभा चुनाव के समय दी गई बसों का पूरा किराया ही नहीं मिला है और फिर से बसें किराए पर देने को कहा जा रहा है। हम इसके लिए राजी नहीं हैं।

वहीं बस आनर्स एसोसिएशन की तरफ से प्रदीप नारायण बसु ने बसों के किराए में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की मांग की है। गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव के समय कोलकाता की 11 सीटों के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने 373 निजी बसें किराए पर ली थीं।

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