नाडा पर 'वेट एंड वाच' की नीति अपनाए बीसीसीआई
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) के तहत आने को लेकर वेट एंड वाच की नीति अपनाएगा।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) के तहत आने को लेकर 'वेट एंड वाच' की नीति अपनाएगा। महानगर के एक पांच सितारा होटल में रविवार को हुई बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक में बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी, तकनीकी कमेटी के अध्यक्ष सौरव गांगुली समेत अन्य मौजूद थे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी बैठक में विनोद राय की अगुवाई वाली प्रशासकों की कमेटी (सीओए) के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद थे।
गौरतलब है कि नाडा लंबे समय से बोर्ड को अपने दायरे में लाना चाहती है लेकिन बोर्ड इससे इन्कार करता आया है क्योंकि वह नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशंस के अंतर्गत नहीं आता। कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने बताया-'राहुल जौहरी ने एंटी-डोपिंग नीति पर बीसीसीआइ के वर्तमान रूख और नाडा व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के साथ चल रही बातचीत के बारे में हमें जानकारी दी है।
इस बाबत अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। कुछ और बैठकों के बाद ही हम किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकेंगे। इसमें कुछ समय लगेगा।' सूत्रों ने बताया कि भारतीय क्रिकेटर इसके 'वेयरअबाउट क्लॉज' के सख्त खिलाफ हैं। उन्हें लगता है कि इससे उनकी एकांतता पर असर पड़ेगा। कप्तान विराट कोहली और महेंद्र सिंह धौनी जैसे बड़े खिलाडि़यों से इस क्लाज पर दस्तखत करवाना काफी मुश्किल होगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए संशोधित संविधान पर अगले एक पखवाड़े में फैसला सुना सकता है, इसलिए सीओए के पास इतने कम समय में इस मसले पर निर्णय ले पाना संभव नहीं होगा।
अगर बोर्ड नाडा के दायरे में आ जाता है तो बोर्ड की साधारण सभाओं में निर्णय लेने होंगे। सीओए एकतरफा फैसला नहीं ले सकेगी। रविवार को हुई बैठक में दूसरे राज्यों के खिलाडि़यों के तमिलनाडु प्रीमियर लीग, कर्नाटक प्रीमियर लीग जैसे राज्य आधारित टी-20 लीग में खेलने की अनुमति देने पर भी चर्चा हुई।