राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सक्रिय हुईं ममता बनर्जी, भाजपा विरोधी दलों की बैठक बुलाने की कर रही हैं तैयारी

2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रपति चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। ममता राष्ट्रपति चुनाव के माध्यम से भाजपा विरोधी गठबंधन तैयार करने की कवायद में है। ममता की इस बाबत तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से बातचीत हो चुकी है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Mon, 14 Feb 2022 03:40 PM (IST) Updated:Mon, 14 Feb 2022 03:52 PM (IST)
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सक्रिय हुईं ममता बनर्जी, भाजपा विरोधी दलों की बैठक बुलाने की कर रही हैं तैयारी
बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अभी से सक्रिय हो गई हैं। तृणमूल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ममता की इस बाबत अब तक तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से बातचीत हो चुकी है। हालिया लखनऊ दौरे के समय ममता ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से भी इसे लेकर बातचीत की थी। सूत्रों ने आगे बताया कि ममता इसे लेकर भाजपा विरोधी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाने की भी तैयारी कर रही हैं। यह बैठक दिल्ली अथवा दक्षिण भारत में कहीं हो सकती है। ममता की पहली पसंद चेन्नई बताई जा रही है, लेकिन बाकी दलों के साथ बातचीत करके ही जगह तय की जाएगी।

सियासी विश्लेषकों का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रपति चुनाव काफी महत्वपूर्ण है। ममता राष्ट्रपति चुनाव के माध्यम से एक बार फिर भाजपा विरोधी गठबंधन तैयार करने की कवायद में है। उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा अगर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई तो विरोधियों के हौसले बुलंद हो सकते हैं और भाजपा विरोधी गठबंधन को बल मिल सकता है। इसी साल के मध्य तक राम नाथ कोविन्द का कार्यकाल खत्म हो रहा है। ममता अगले राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा को विरोधी खेमे से कड़ी टक्कर देना चाहती हैं। संसद के दोनों सदनों व विभिन्न राज्यों की विधानसभा में सदस्यों की संख्या के लिहाज से भाजपा इस समय काफी मजबूत स्थिति में है।

गौरतलब है कि इसी आधार पर राष्ट्रपति चुनाव होता है। ममता इससे भलीभांति वाकिफ हैं, फिर भी वह चाहती हैं कि भाजपा की तरफ से अगली बार जिसे भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जाता है, उसे आसानी से जीत हासिल न हो पाए। ऐसा होने पर भाजपा विरोधी दलों का हौसला बना रहेगा। 

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