Janta Curfew: जनता कर्फ्यू के दिन ममता ने मिड डे मील वितरित करने का दिया आदेश

Janta Curfew. श्चिम बंगाल की ममता सरकार द्वारा 22 मार्च के दिन मिड डे मिल के तहत चावल और आलू वितरण करने का आदेश दिया गया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 22 Mar 2020 01:06 PM (IST) Updated:Sun, 22 Mar 2020 01:06 PM (IST)
Janta Curfew: जनता कर्फ्यू के दिन ममता ने मिड डे मील वितरित करने का दिया आदेश
Janta Curfew: जनता कर्फ्यू के दिन ममता ने मिड डे मील वितरित करने का दिया आदेश

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Janta Curfew. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 22 मार्च रविवार को देशभर में जनता कर्फ्यू है। ऐसे में लोगों से सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक घरों में रहने को कहा गया है। केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग ही घरों से बाहर निकल सकते हैं। तमाम राज्यों में भी कोरोना के खतरे के मद्देनजर एहतियात बरते जा रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल की ममता सरकार द्वारा 22 मार्च के दिन मिड डे मिल के तहत चावल और आलू वितरण करने का आदेश दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से इसके लिए शिक्षकों को स्कूल आने को कहा गया है, जिसके लेकर ममता सरकार पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि बंगाल सरकार ने मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत 22 मार्च को विभिन्न स्कूलों में चावल और आलू वितरित करने का आदेश जारी किया है, जो पहले 23-24 मार्च को निर्धारित था। सभी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। यह सिर्फ जनता कर्फ्यू को बाधित करने के लिए किया गया है।

वहीं दूसरी ओर, राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा है कि यह कदम छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

इधर, पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। इनमें तीन पुरुष एवं एक महिला शामिल है। तीन लोगों का विदेश से लौटने का इतिहास रहा है जबकि एक शख्स स्थानीय है और उसने अभी तक कोई विदेश यात्रा नहीं की है। 

पश्चिम बंगाल में जनता का बंद यानी जनता कर्फ्यू अभूतपूर्व है। बंगाल में 34 वर्षों के वामपंथी शासन व करीब 9 वर्षों के तृणमूल शासन के दौरान भी जब भी बंद या हड़ताल बुलाई गई थी तब भी ऐसा नजारा कभी नहीं दिखा था। जैसा कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक अपील पर रविवार को दिख रहा है। उत्तर बंगाल से लेकर दक्षिण बंगाल दार्जिलिंग से लेकर कोलकाता और मुर्शिदाबाद से लेकर पुरुलिया तक हर तरफ सड़कें सुनी है। बाजार व गली मोहल्ले तक की दुकानें बंद हैं। हर लोग इस कर्फ्यू के समर्थन में दिखें। महानगर की लगभग सभी सड़कें पूरी तरीके से वीरान है। कुछ मेट्रो ट्रेन चल रही है,कुछ सरकारी बसें सड़कों पर जरूर दिखाई दे रही है । परंतु उसमें यात्री नहीं थे। इस जनता कर्फ्यू की सबसे बड़ी बात यह रही की हर बंद और हड़ताल में चलने वाले ऑटो रिक्शा भी पूरी तरह बंद है।

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