West Bengal: भतीजे की पत्नी व साली को सीबीआइ के नोटिस पर ममता बोलीं, किसी के डराने-धमकाने से डरती नहीं हूं

West Bengal ममता ने कहा-दिल्ली के नेता कह रहे हैं कि बंगालियों की रीढ़ की हड्डी को तोड़ना हम जानते हैं। मैं कहती हूं कि कोशिश करके देखिए। इतने दिन तो आप लोगों ने कोशिश की है। आपके डराने-धमकाने और जेल भेजने की धमकी से मैं डरती नहीं हूं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 09:07 PM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 09:07 PM (IST)
West Bengal: भतीजे की पत्नी व साली को सीबीआइ के नोटिस पर ममता बोलीं, किसी के डराने-धमकाने से डरती नहीं हूं
भतीजे की पत्नी व साली को सीबीआइ नोटिस पर ममता बोलीं, किसी के डराने-धमकाने से डरती नहीं हूं। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा व साली मेनका को भेजे गए सीबीआइ नोटिस पर परोक्ष तौर पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा-'मैं किसी के डराने-धमकाने से डरती नहीं हूं। मेरी रीढ़ की हड्डी को तोड़ना इतना सहज नहीं है। रविवार को भाषा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता ने कहा-'दिल्ली के नेता कह रहे हैं कि बंगालियों की रीढ़ की हड्डी को तोड़ना हम जानते हैं। मैं कहती हूं कि कोशिश करके देखिए। इतने दिन तो आप लोगों ने कोशिश की है। आपके डराने-धमकाने और जेल भेजने की धमकी से मैं डरती नहीं हूं। जब तक जिंदा रहूंगी, किसी से डरूंगी नहीं। ' ममता ने आगे कहा-'मेरी मातृभाषा ने मुझे सिखाया है कि बाघ के बच्चे की तरह लड़ाई करो। बाघ कभी चूहे से डरता नहीं है।

ममता ने आगाह करते हुए कहा कि बंगाल को आघात पहुंचाने की कोशिश न की जाए क्योंकि बंगाल की महिलाएं जिस तरफ से खाना पकाना जानती हैं, उसी तरह से कमर कस कर लड़ाई करना भी जानती हैं। ममता ने कहा-'मैं सभी भाषाओं से प्यार करती हूं लेकिन मैं बंगाल को बांग्ला क्यों कहूंगी। ममता ने सवाल करते हुए कहा कि पिछले चार साल से बंगाल का नाम क्यों नहीं बदला जा रहा है? जब महाराष्ट्र, ओड़िशा का नाम उनकी भाषाओं के अनुरूप हो सकता है तो बंगाल का नाम क्यों नहीं। ममता ने कहा कि बंगाल के मनीषियों की केंद्र सरकार हमेशा से ही उपेक्षा करता आया है।नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का भी केंद्र सरकार ने उचित सम्मान नहीं किया है। 

वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि इस मामले में राज्य की जनता चुनाव के दौरान भाजपा को उचित जवाब देगी। भाजपा के सभी सहयोगियों ने उसे छोड़ दिया है, इसलिए अब केवल सीबीआइ एवं ईडी ही निष्ठावान सहयोगी है। पार्टी ने दावा किया कि वह इससे भयभीत नहीं होगी और डटकर मुकाबला करेगी। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता एवं सांसद सौगत रॉय ने आरोप लगाया कि सीबीआइ का अभिषेक के घर जाना, और कुछ नहीं बस राजनीतिक प्रतिशोध है। इस बीच, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस मामले का राजनीतिकरण करने का प्रयास कर रही है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अगर किसी ने कुछ गलत किया है तो कानून अपना काम करेगा। जो भी दोषी है, उसे सजा मिलनी चाहिए। किसी को भी इस मामले को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए।

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