Election 2019: प. बंगाल में हिंसा पर भारी पड़ा मतदान, चुनावी हिंसा के बीच बंगाल मतदान मामले में रहा अव्वल

Lok Sabha Election 2019 चुनावी हिंसा के बीच बंगाल मतदान के मामले में फिर अव्वल रहा। प्रथम छह चरणों में बंगाल में 80 फीसद से अधिक वोट पड़े।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 20 May 2019 10:39 AM (IST) Updated:Mon, 20 May 2019 10:39 AM (IST)
Election 2019: प. बंगाल में हिंसा पर भारी पड़ा मतदान, चुनावी हिंसा के बीच बंगाल मतदान मामले में रहा अव्वल
Election 2019: प. बंगाल में हिंसा पर भारी पड़ा मतदान, चुनावी हिंसा के बीच बंगाल मतदान मामले में रहा अव्वल

कोलकाता, जयकृष्ण वाजपेयी। चुनावी हिंसा के बीच बंगाल मतदान के मामले में फिर अव्वल रहा। प्रथम छह चरणों में बंगाल में 80 फीसद से अधिक वोट पड़े। वहीं प्रथम से लेकर सातवें चरण तक हर मतदान के दिन बम, गोली, संघर्ष से लेकर चुनावी धांधली भी हुई। तीसरे चरण में मतदान के दिन बूथ के निकट एक हत्या कर दी गई। इन सात चरणों के मतदान में सौ से अधिक लोग जख्मी हुए हैं।

बंगाल ने हिंसा के मामले में भी रिकार्ड बना दिया। हर चरण के बाद चुनाव आयोग केंद्रीय बलों की संख्या बढ़ाता गया। बावजूद इसके हिंसा नहीं रुकी। पांचवें, छठे व सातवें चरण में तो सौ फीसद बूथों पर केंद्रीय बल की तैनाती सुनिश्चित की गई, लेकिन हिंसा नहीं रुकी। सातवें चरण में दूर दराज के ग्रामीण इलाके ही नहीं, कोलकाता में भी बमबाजी की गई। इसमें एक वोटर जख्मी हो गया।

विरोधी दलों खासकर भाजपा प्रत्याशियों को हर चरण में निशाना बनाया गया। जहां भी भाजपा प्रत्याशी पहुंचे, उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। अंतिम चरण में तो जुबानी जंग के साथ-साथ हिंसा की ऐसी घटनाएं हो गईं कि चुनाव आयोग को प्रचार पर निर्धारित समय से 19 घंटे पहले रोक लगानी पड़ी। इसी चरण में कोलकाता में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान जमकर बवाल हुआ और महान विद्वान व समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ दी गई।

इस बार के लोकसभा चुनाव का कई मामलों में कोई सानी नहीं है। पिछले आठ वर्षों के शासनकाल में तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भाजपा की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है। अब तक जितने भी लोकसभा चुनाव हुए यह पहली बार है कि देश के किसी प्रधानमंत्री ने बंगाल में इतनी अधिक 17 चुनावी सभाएं की। ममता ने बंगाल की 42 में 42 सीटें जीतने का दावा कर रही है तो भाजपा 23 सीटों पर।

हर चरण में बंगाल में कुछ चुनावी मुद्दे समान रहे और कुछ परिवर्तित होते रहे। जैसे-जैसे दक्षिण बंगाल की ओर चुनाव मुड़ा चुनाव मोदी बनाम ममता हो गया। तीखी नोंकझोक लोकतंत्र का तमाचा, कान पकड़ कर उठक बैठक, गुंडा, गब्बर, जेल से लेकर स्टीकर, स्पीड ब्रेकर दीदी व जागीर तक पहुंच गई। लोकसभा के चुनावी इतिहास में पहला मौका है जब आयोग को बंगाल में अनुच्छेद 324 के तहत प्रचार पर रोक लगानी पड़ी। 

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