Kolkata Civic Polls: केएमसी चुनाव में वामपंथियों को अपने रेड वालंटियर्स से है उम्मीद
Kolkata Civic Polls बंगाल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाले वाममोर्चा को कोलकाता के आगामी निकाय चुनावों में शहरी मतदाताओं के बीच अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करने के लिए रेड वालंटियर्स की अपनी युवा ब्रिगेड से काफी उम्मीदें हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केरल को छोड़कर देश की राजनीति में वामपंथी दल हाशिये पर पहुंच चुका है। बंगाल में तो स्थित और भी बुरी है। ऐसे में बंगाल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाममोर्चा को कोलकाता के आगामी निकाय चुनावों में शहरी मतदाताओं के बीच अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करने के लिए 'रेड वालंटियर्स' (स्वयंसेवकों) की अपनी युवा ब्रिगेड से काफी उम्मीदें हैं। बंगाल में लगातार करीब साढे़ तीन दशक तक राज करने वाले माकपा नीत वाममोर्चा को इस साल हुए विधानसभा चुनाव में 294 सीटों में से एक भी सीट नहीं मिली थी। अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही माकपा ने इस बार अपने वालंटियर्स ब्रिगेड से युवा उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है। रेड वालंटियर्स में 20-30 आयु वर्ग के युवा वामपंथी कार्यकर्ताओं का एक समूह है, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान जरूरतमंद लोगों की मदद कर प्रशंसा अर्जित की थी। वाममोर्चा इस बार कोलकाता नगर निगम (केएमसी) की 144 में से 127 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है, जिनमें से 47 नवगठित युवा ब्रिगेड के सदस्य हैं।
पुराने के बदले युवाओं पर जोर
माकपा के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने केएमसी चुनावों के लिए युवा उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का फैसला किया और संगठन के पुनर्गठन के तहत कुछ पुराने नेताओं को राहत दी है। माकपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पिछले दो वर्षों में पिछले राज्यस्तरीय सम्मेलन के बाद हमने धीरे-धीरे संगठन के सभी स्तरों पर वृद्ध नेताओं की संख्या सीमित कर दी है। चूंकि पार्टी संगठनात्मक स्तर पर एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही थी, इसलिए हमने विधानसभा चुनाव के दौरान और अधिक युवा लोगों को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया। हालांकि वे सभी हार गए, वोट शेयर जो वे हासिल करने में कामयाब रहे वह हमारे औसत वोट शेयर से कहीं अधिक था। इसलिए इस बार केएमसी चुनावों के दौरान, अधिक युवा उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का फैसला एक बुद्धिमतापूर्ण निर्णय है।
एसएफआइ का दावा, राज्य में 1.5 लाख है रेड वालंटियर्स
एसएफआइ (स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया) के राज्य सचिव सृजन भट्टाचार्य के अनुसार, राज्य में लगभग 1.5 लाख रेड वालंटियर्स हैं, जिनमें से 25 हजार कोलकाता में ही सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि वामपंथी कभी भी भौतिक लाभ पर नजर रखने वाले लोगों के लिए काम नहीं करते हैं। महामारी की दूसरी लहर के दौरान रेड वालंटियर्स की संख्या में वृद्धि हुई, क्योंकि अधिक लोग मदद के लिए हमारे पास पहुंचे। 2015 में पिछले केएमसी चुनावों में सत्तारूढ़ टीएमसी ने 124 वार्ड जीते थे, वाम मोर्चा ने 13 जबकि भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस ने क्रमशः पांच और दो वार्ड जीते थे।