विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान का दावा- जनवरी तक तृणमूल के 100 विधायक और 20 मंत्री छोड़ेंगे पार्टी

अब्दुल मन्नान ने एक विडियो संदेश में दावा किया है कि राज्य में जिस तरह से माहौल बन रहा है आगामी जनवरी महीने में तृणमूल कांग्रेस के 100 विधायक व 20 मंत्री पार्टी छोड़ देंगे

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 23 Jul 2020 12:53 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jul 2020 12:53 PM (IST)
विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान का दावा- जनवरी तक तृणमूल के 100 विधायक और 20 मंत्री छोड़ेंगे पार्टी
विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान का दावा- जनवरी तक तृणमूल के 100 विधायक और 20 मंत्री छोड़ेंगे पार्टी

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल विधानसभा में विपक्ष दल के नेता अब्दुल मन्नान ने एक विडियो संदेश में दावा किया है कि राज्य में जिस तरह से माहौल बन रहा है उसको देखते हुए आगामी जनवरी महीने में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के 100 विधायक व 20 मंत्री पार्टी छोड़ देंगे। उन्होने कहा कि वह यह बात अपने राजनीतिक अनुभवों के आधार पर कह रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 21 जुलाई को शहीद दिवस रैली के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि वह पार्टी के अंदर सांगठनिक फेर-बदल करेंगी। ऐसे में वह दावे के साथ कह रहे हैं कि तृणमूल के अंदर भगदड़ मचेगी। उन्होने कहा कि ममता बनर्जी एक दूरदर्शी नेता हैं और वह इस बात को भांप चुकी है। अपने भाषण में वह भाजपा पर आरोप लगा रही हैं कि वह लोग नोट की थैली लेकर पार्टी को तोड़ने की साजिश कर रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि इतने दिनों तक उन्होने क्या किया।

मन्नान ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल के नेताओं, विधायकों, जिलापरिषद के सदस्यों व पंचायत सदस्यों को लोभ और पुलिस का डर दिखा कर ममता ने अपनी पार्टी में शामिल कराया। जो विधायक कांग्रेस अथवा वाममोर्चा के टिकट पर जीते थे उनको जबरन तृणणूल कांग्रेस का झंड़ा पकड़वाया गया। लेकिन उनको उपचुनाव का स्वाद नहीं मिला। लोकतंत्र की दुहाई देते हुए लोगों के सामने वह अब इसे बचाने की गुहार लगा रही है। लेकिन खुद को लेडी हिटलर के रूप में पेश करते हुए उन्होने सारे नियम-कायदे ताक पर रख दिये हैं।

मन्नान ने कहा कि वह जिस तरह कांग्रेस को तोड़ने का पाप की हैं अब उसका फल भुगतने का समय आ गया है। ऐेसे में कांग्रेस-वाममोर्चा गठबंधन तो क्या दुनियां की कोई भी ताकत उनको नहीं बचा सकती है।शहीद दिवस की सभा में जगह-जगह जो भीड़ दिखी उसको देखकर ममता बनर्जी दहल गयी हैं। इसलिए वह लोकतंत्र को बचाने की दुहाई दे रही है। लेकिन उनको कोई भी बचा नहीं सकता। क्योंकि तृणमूल भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गयी है। ऐसे में जनवरी महीने में ममता बनर्जी को इसकी झलक मिल जाएगी। 

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