कोलकाता के मूर्तिकारों को इस साल दुर्गा पूजा में मूर्तियों की मांग बढ़ने की उम्मीद

पिछले एक सप्ताह में धीरे-धीरे मूर्तियों की मांग में हुई है वृद्धि। मिट्टी से प्रतिमा बनाने वाले मशहूर कलाकारों ने कहा कि कोविड-19 से पहले जितनी मूर्तियां खरीदने के लिए लोग आते थे उसके मुकाबले तो सिर्फ 20-25 फीसद आर्डर ही मिल रहे हैं।

By Priti JhaEdited By: Publish:Mon, 12 Jul 2021 12:01 PM (IST) Updated:Mon, 12 Jul 2021 01:25 PM (IST)
कोलकाता के मूर्तिकारों को इस साल दुर्गा पूजा में मूर्तियों की मांग बढ़ने की उम्मीद
कोलकाता के मूर्तिकारों इस साल दुर्गा पूजा में मूर्तियों की मांग बढ़ने की उम्मीद

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। महानगर के विश्व विख्यात कुम्हारटोली के मूर्तिकारों को कोरोना महामारी के मामलों में कमी के मद्देनजर अब अच्छे दिन लौटने की उम्मीद है। पिछले करीब एक सप्ताह से यहां मूर्ति की मांग में इजाफा हुआ है। मिट्टी से प्रतिमा बनाने वाले मशहूर कलाकारों में से एक मिंटू पाल ने कहा कि कोविड-19 से पहले जितनी मूर्तियां खरीदने के लिए लोग आते थे, उसके मुकाबले तो सिर्फ 20-25 फीसद आर्डर ही मिल रहे हैं। हालांकि पिछले एक सप्ताह से धीरे-धीरे मांग में वृद्धि हो रही है।

उन्होंने कहा कि 2020 में इस अवधि में 2019 की तुलना में मूर्तियों की जितनी खरीद हुई थी, उसके मुक़ाबले सिर्फ़ 30-40 फीसद ही खरीद के आर्डर मिले थे। इस साल यह प्रतिशत और गिरकर 20-25 फीसद रह गया है। लेकिन हम सकारात्मकता और उम्मीद से भरे हैं। एक अन्य कलाकार सुजीत पाल ने कहा कि एक पखवाड़ा पहले तक स्थिति बेहद निराशाजनक थी लेकिन उन्हें पिछले कुछ दिनों में सात समुदाय और घर में पूजा के लिए मूर्ति बनाने के आर्डर मिले हैं। पाल ने कहा कि टीकाकरण अभियान की वजह से पूजा आयोजकों में उम्मीद की किरण जगी है।

हालांकि इन सबके बीच लगातार दूसरे साल इस बार भी वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण के चलते कोलकाता की मशहूर दुर्गापूजा का आयोजन छोटे स्तर पर ही होगा। दुर्गापूजा में महज तीन महीने बाकी हैं जबकि पूजा आयोजकों ने अभी से ही इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए आयोजकों ने पिछले साल की तरह इस साल भी छोटे पैमाने पर इसका आयोजन करने का फैसला किया है। परिवहन मंत्री व चेतला अग्रणी से जुड़े फिरहाद हकिम ने कहा है कि यह समय भव्य तरीके से दुर्गापूजा आयोजित करने का नहीं है। हमने अपने मूर्तिकार को छोटी दुर्गा मूर्ति बनाने को कहा है।

एकडालिया एवरग्रीन से जुड़े राज्य के एक और मंत्री सुब्रत मुखर्जी कहते हैं कि पूजा समिति ने इस बार आलोक-सज्जा पर खर्च नहीं करने का फैसला किया है जो दक्षिण कोलकाता की इस लोकप्रिय पूजा की पहचान है। उन्होंने कहा कि मूर्ति के आकार को छोटा रखा जाएगा।

उधर, भवानीपुर 75 पल्ली के सचिव सुबीर दास ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इतने सारे लोगों ने अपनों को खो दिया। यह समय किसी भी तरह के दिखावटी प्रदर्शन या भव्य समारोह के आयोजन का नहीं, बल्कि सभी को बेहतर दिनों की प्रतीक्षा करनी चाहिए।

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