होली में इन कृत्रिम रंगों के प्रयोग बिल्‍कुल न करें, जानिए इन रंगों से होने वाले दुष्प्रभाव

चमकीले गुलाल में एल्युमिनियम ब्रोमाइड मिलाया जाता जो कैंसर उत्पन्न करता है। नीले गुलाल में प्रुशियन ब्लू होता जो त्वचा में एलर्जी व संक्रमण पैदा करता है। लाल गुलाल त्वचा का कैंसर...

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 18 Mar 2019 03:25 PM (IST) Updated:Wed, 20 Mar 2019 09:42 AM (IST)
होली में इन कृत्रिम रंगों के प्रयोग बिल्‍कुल न करें, जानिए इन रंगों से होने वाले दुष्प्रभाव
होली में इन कृत्रिम रंगों के प्रयोग बिल्‍कुल न करें, जानिए इन रंगों से होने वाले दुष्प्रभाव

कोलकाता, जागरण संवाददाता। होली में कृत्रिम रंगों से सावधान रहना चाहिए। क्योंकि कई बार रंगों में ऐसे रसायन मिले होते हैं जिनसे सेहत को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। इस लिए लोगों को कृत्रिम रंगों के दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक रहना चाहिए। यह बात एसएसकेएम हास्पिटल के त्वचा विभाग के भूतपूर्व प्रमुख व कोलंबिया एशिया अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार त्वचा विशेषज्ञ प्रोफेसर डा रथिंद्रनाथ दत्त ने कही है।

वह महानगर में होली में कृत्रिम रंगों के दुष्प्रभाव पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि काले रंग के गुलाल में लेड ऑक्साइड मिलाया जाता है जो गुर्दा को प्रभावित कर सकता है। हरे गुलाल के लिए मिलाए जाने वाले कॉपर सल्फेट के कारण आंखों में एलर्जी, जलन, और अस्थायी तौर पर नेत्रहीनता की शिकायत हो सकती है।

चमकीले गुलाल में एल्युमिनियम ब्रोमाइड मिलाया जाता है जो कैंसर उत्पन्न कर सकता है। नीले गुलाल में प्रुशियन ब्लू होता है जो त्वचा में एलर्जी और संक्रमण पैदा कर सकता है। लाल गुलाल के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला मरकरी सल्फाइट इतना जहरीला होता है कि इससे त्वचा का कैंसर हो सकता है।

अक्सर सूखे गुलाल में एस्बेस्टस या सिलिका मिलाई जाती है जिससे अस्थमा, त्वचा में सक्रंमण और आंखों में जलन की शिकायत हो सकती है। गीले रंगों में आम तौर पर जेनशियन वायोलेट मिलाया जाता है जिससे त्वचा का रंग प्रभावित हो सकता है और डर्मेटाइटिस की शिकायत हो सकती है।

उन्होंने कहा कि जानकारी या जागरूकता के अभाव में अक्सर दुकानदार, खास कर छोटे दुकानदार इस बारे में ध्यान नहीं देते कि रंगों की गुणवत्ता कैसी है। कभी तो ये रंग उन डिब्बों में आते हैं जिन पर लिखा होता है ‘केवल औद्योगिक उपयोग के लिए।’ जाहिर है कि खतरा इसमें भी है। लिहाजा होली में हर्बल गुलाल का इस्तेमाल करना चाहिए जो नुकसानदेह नहीं है। इसके अलावा रंग खेलने से पहले शरीर में नारियल तेल लगा लेना चाहिए। शरीर को कपड़े से ढक लेना चाहिए। 

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