अवैध लेनदेन पर होगी आयकर विभाग की नजर

- रुपयों के लेनदेन पर होगी विभाग की नजर सौ अधिकारियों की टीम गठित - आम नागरिक भी दे सकते

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Mar 2019 10:18 AM (IST) Updated:Sun, 17 Mar 2019 10:18 AM (IST)
अवैध लेनदेन पर होगी आयकर विभाग की नजर
अवैध लेनदेन पर होगी आयकर विभाग की नजर

- रुपयों के लेनदेन पर होगी विभाग की नजर, सौ अधिकारियों की टीम गठित

- आम नागरिक भी दे सकते हैं सूचना, टोल फ्री नंबर जारी जागरण संवाददाता, कोलकाता : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अवैध रुपयों की लेनदेन पर आयकर विभाग की विशेष नजर होगी। साथ ही बाहर से आने वाले रुपयों पर भी विभाग विशेष तौर पर नजर बनाए रखी है। जिसके रोकथाम के लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू की गई है। वहीं बताया गया कि अधिकारियों के अलावा भी आम नागरिकों की सहभागिता भी सुनिश्चित की गई है। यदि कोई भी शख्स आयकर विभाग को किसी प्रकार की सूचना देता है तो उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी और संबंधित व्यक्ति के लेनदेन के ब्यौरों को खंगाला जाएगा। मीडिया कर्मियों से मुखातिब हुए आयकर विभाग के क्षेत्रीय प्रधान निदेशक आशीष वर्मा ने कहा कि पूरे राज्य में सौ से अधिक अधिकारियों की एक टीम गठित की गई है, जो राज्य के सभी 42 लोकसभा क्षेत्रों की गतिविधियों पर नजरें बनाए रखेंगे। आगे उन्होंने कहा कि अधिकारियों के अलावा सूचना प्राप्ति के लिए अन्य कई लोगों को भी नियुक्त किया गया है, जो लगातार अधिकारियों के संपर्क में होंगे और किसी प्रकार की असंगति पाए जाने पर उसकी सूचना उन्हें देंगे। इसके अलावा अगर किसी आम नागरिक को भी अवैध लेनदेन की सूचना होती है तो वो भी विभाग को सूचित कर सकता है। इसके लिए कंट्रोल रूम की व्यवस्था होगी, जो चुनाव में काले धन के इस्तेमाल को रोकने के लिए 24 घटे सक्रिय होगी। वहीं उन्होंने कहा कि सीधे संपर्क के लिए तीन टोल फ्री फोन नंबर उपलब्ध कराए गए हैं। विशेष टोल फ्री नंबर 18003455544, 62889702922 और 62889704146 पर फोन कर जानकारी दी जा सकती है। हालांकि पहले ही राज्य में कई स्थानों से नकद काले धन बरामद किए गए हैं। आगे उन्होंने बताया कि महानगर से करीब तीन करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। इसके अलावा चुनाव के दौरान किसी भी बैंक खाते से दस लाख या उससे अधिक धन राशि जमा करने या फिर निकालने के मामले में विभाग संबंधित व्यक्ति से पूछताछ कर सकती है। इसको लेकर निर्वाचन आयोग व आयकर विभाग के अधिकारी पहले ही राज्य के सभी राष्ट्रीय बैंकों के क्षेत्रीय अधिकारियों व निजी बैंकों के अधिकारियों से बात कर चुके हैं।

chat bot
आपका साथी