Gangasagar fair 2022: चक्रवातों से गंगासागर के कपिल मुनि मंदिर को पहुंच रहा है भारी नुकसान

मंदिर के महंत ज्ञानदास जी महाराज के उत्तराधिकारी संजय दास ने कहा कि मंदिर को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की है जरूरत। गंगासागर के कपिल मुनि मंदिर को एक के बाद एक आ रहे चक्रवातों से भारी नुकसान पहुंच रहा है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Fri, 14 Jan 2022 08:40 AM (IST) Updated:Fri, 14 Jan 2022 08:44 AM (IST)
Gangasagar fair 2022: चक्रवातों से गंगासागर के कपिल मुनि मंदिर को पहुंच रहा है भारी नुकसान
मंदिर के महंत ज्ञानदास जी महाराज के उत्तराधिकारी संजय दास। -जागरण

जागरण संवाददाता, गंगासागर। गंगासागर के कपिल मुनि मंदिर को एक के बाद एक आ रहे चक्रवातों से भारी नुकसान पहुंच रहा है। मंदिर को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। मंदिर के महंत ज्ञानदास जी महाराज के उत्तराधिकारी संजय दास ने कहा कि चक्रवात 'यास' से कपिल मुनि मंदिर व इससे संलग्न धर्मशाला जलमग्न हो गई थीं। उससे मंदिर परिसर को काफी नुकसान पहुंचा। समुद्र का पानी भी तेजी से मंदिर की तरफ बढ़ रहा है। मंदिर को बचाने के लिए अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो पुराने मंदिर की तरह यह मंदिर भी जल समाधि ले लेगा।

संजय दास ने आगे कहा कि बंगाल की ममता सरकार अपने स्तर पर कदम उठा रही है। केंद्र को भी इसमें आगे आना चाहिए। गंगासागर मेले को राष्ट्रीय मेला घोषित करने की दीर्घकालीन मांग पर संजय दास ने कहा कि गंगासागर मेला कुंभ के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। केंद्र को इसे अविलंब राष्ट्रीय मेला घोषित कर देना चाहिए। इससे इस मेले को केंद्रीय फंड भी मिलने लगेगा, जिससे सागर द्वीप का भी काफी तेजी से विकास होगा। संजय दास ने कहा कि गंगासागर मेले पर इस बार कोरोना का व्यापक असर दिख रहा है। तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी गिरावट हुई है। 

जानकारी हो कि है कि गंगासागर मेले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई है। रेडियो सोसाइटी आफ ग्रेट ब्रिटेन ने सागर द्वीप को खास पहचान कोड ‘एएस 153’ से सम्मानित किया है। सागर द्वीप को कुंभ के बाद भारत के दूसरे सबसे बड़े धार्मिक मेले के आयोजन के लिए यह ख्याति हासिल हुई है। अब यह विश्व के उन 250 द्वीपों में शामिल हो गया है, जिन्हें यह खास कोड प्राप्त है। मालूम हो कि हैम रेडियो वेस्ट बंगाल रेडियो क्लब की ओर से इस कोड के लिए आवेदन भेजा गया था। क्लब के सचिव ने कहा था कि गंगासागर मेले को भले ही अभी तक राष्ट्रीय मेले का दर्जा नहीं मिल प्राप्त हुआ हो, लेकिन इसे सीधे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने से पूरी दुनिया के लोग इसके बारे में जान पाएंगे।

chat bot
आपका साथी