Bengal Assembly Elections: दिलीप घोष ने कहा- दिसंबर में दूध व पानी सब अलग हो जाएगा, तृणमूल का अस्तित्व ही नहीं बचेगा

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा बगावत करने वाले नेताओं पर तृणमूल को कार्रवाई करने का साहस नहीं है। घोष ने सात दिसंबर को मुख्यमंत्री के मेदिनीपुर के प्रस्तावित दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ममता बनर्जी से लोगों को काफी उम्मीदें थीं।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 03:42 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 03:42 PM (IST)
Bengal Assembly Elections: दिलीप घोष ने कहा- दिसंबर में दूध व पानी सब अलग हो जाएगा, तृणमूल का अस्तित्व ही नहीं बचेगा
बंगाल भाजपा अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में मची भगदड़ व कई नेताओं के बगावती स्वर के बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार को एक बार फिर तृणमूल नेतृत्व पर करारा हमला बोला। चाय पर चर्चा कार्यक्रम में भाग लेते हुए घोष ने चुनौती देते हुए कहा कि बगावत करने वाले नेताओं पर तृणमूल को कार्रवाई करने का साहस नहीं है।

उन्होंने कहा कि तृणमूल से शुक्रवार को भाजपा में शामिल हुए कूचबिहार के विधायक मिहिर गोस्वामी ने कहा था कि पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करे, लेकिन तृणमूल में इतना साहस नहीं है कि वह नेताओं पर कार्रवाई करें, क्योंकि इससे पार्टी टूट जाएगी। मंत्री शुभेंदु अधिकारी के इस्तीफे के बाद तृणमूल के डैमेज कंट्रोल के प्रयासों पर कटाक्ष करते हुए घोष ने कहा कि तृणमूल ने डिजास्टर मैनेजमेंट शुरू किया है। वे अब एक ब्रेकडाउन को रोकने के लिए बेताब हैं। यह दिसंबर माह तृणमूल के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इस महीने दूध और पानी सब अलग हो जाएगा और तृणमूल का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।

घोष ने सात दिसंबर को मुख्यमंत्री के मेदिनीपुर के प्रस्तावित दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ममता बनर्जी से लोगों को काफी उम्मीदें थीं। वह कितनी बार मेदिनीपुर जा चुकी हैं, लेकिन जंगलमहल की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। जंगलमहल के लोगों के साथ धोखा किया गया है।

जंगलमहल के लोगों ने लोकसभा चुनाव और पंचायत चुनाव में इसका जवाब दे दिया है। जंगलमहल के लोग पूरी तरह से हताश हैं। घोष ने इस दौरान एक बार फिर दोहराया कि उनकी पार्टी यहां सत्ता में आने के बाद बंगाल को गुजरात की तरह विकसित राज्य बनाएगी।

उन्होंने कहा कि गुजरात में उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विकास हुआ है इसलिए हमें बंगाल को गुजरात बनाना है। कहा जा रहा था कि गुजरात में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं रहेंगे, लेकिन गुजरात में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं। वहां जैसा विकास हो रहा है, उसी तरह का विकास बंगाल का करेंगे। 

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