बंगाल में कोरोना की दूसरी लहर के पीछे था डेल्टा वेरिएंट, स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में सामने आया यह तथ्य

बंगाल में कोरोना की दूसरी लहर के पीछे इसका डेल्टा वेरिएंट था। स्वास्थ्य विभाग की हालिया रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि मार्च अप्रैल और मई इन तीन महीनों में बंगाल में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का प्रकोप था।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 26 Jun 2021 05:38 PM (IST) Updated:Sat, 26 Jun 2021 05:38 PM (IST)
बंगाल में कोरोना की दूसरी लहर के पीछे था डेल्टा वेरिएंट, स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में सामने आया यह तथ्य
-मार्च, अप्रैल और मई में बंगाल में था डेल्टा वेरिएंट का प्रकोप

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में कोरोना की दूसरी लहर के पीछे इसका डेल्टा वेरिएंट था। स्वास्थ्य विभाग की हालिया रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि मार्च, अप्रैल और मई, इन तीन महीनों में बंगाल में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का प्रकोप था। रिपोर्ट में उल्लेख है कि मार्च में जब पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर आई, उस वक्त राज्य में कोरोना से संक्रमित लोगों में से 10 फीसद इसके डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित थे।

अप्रैल में यह संख्या और बढ़ गई। देखने में आया है कि उस समय 50 फीसद संक्रमित लोग डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित थे। मई में बंगाल में कोरोना का संक्रमण दर अपने चरम पर था। उस समय राज्य में 85 फीसद कोरोना संक्रमित लोग डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि डेल्टा वेरिएंट से 15 वर्ष से अधिक उम्र के 72 से 75 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए।

वहीं 15 साल से कम उम्र के महज छह फीसद लोग ही कोरोना वायरस की इस प्रजाति से प्रभावित हुए हैं, हालांकि इसे लेकर राज्य के स्वास्थ्य अधिकारी अजय चक्रवर्ती ने राहत भरी खबर दी है। उन्होंने बताया कि कोरोना के ब्रिटिश और दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट ने मार्च में राज्य छोड़ दिया था। पश्चिम बंगाल संस्करण मार्च के अंत में आया, लेकिन यह अप्रैल में चला गया। मई में इसने राज्य में पैर नहीं जमाया।

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